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पुरानी स्थिति में पहुंचने लगा है वीर कुंवर सिंह मैदान, काम भी नहीं हुआ पूरा

वीर कुंवर सिंह मैदान अपने पुराने दुर्दिन वाली स्थिति में लौटने लगा है. कोई रखरखाव नहीं रह गया है जबकि ठेकेदार को लगातार पांच साल तक इसका रखरखाव करना था.

आरा.

वीर कुंवर सिंह मैदान अपने पुराने दुर्दिन वाली स्थिति में लौटने लगा है. कोई रखरखाव नहीं रह गया है जबकि ठेकेदार को लगातार पांच साल तक इसका रखरखाव करना था.पूर्व केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह द्वारा काफी तामझाम से नगरवासियों एवं जिलावासियों की सुविधा के लिए इसका सौंदर्यीकरण कराया गया था. पर ठेकेदार द्वारा इसका सही ढंग से रखरखाव नहीं होने के कारण मैदान की स्थिति काफी खराब होते जा रही है. इससे मुख्य रूप से नगर वासियों एवं जिले वासियों को भी काफी परेशानी हो रही है.

बेतरतीब ढंग से बढ़ गये हैं घास :

रखरखाव नहीं होने के कारण पूरे मैदान में बेतरतीब ढंग से घास बढ़ गये हैं. इसका मेंटेनेंस नहीं किया जा रहा है. इस कारण मैदान की सुंदरता काफी प्रभावित हो रही है. शुरुआती दौर में जब घास सही ढंग से लगाए गए थे तो इसकी सुंदरता में चार चांद लग गया था. पर अब ऐसा नहीं है.

तीन लाख रुपये से अधिक राशि से लगाये गये थे घास :

मैदान में इसकी सुंदरता को बढ़ाने के लिए तीन लाख से अधिक राशि खर्च कर घास लगाये गये थे. घास लगने के कुछ दिनों के बाद घास में हरियाली आने पर मेंटेनेंस के तहत उन्हें कांट छांट कर बराबर कर दिया जाता था. इससे मैदान काफी आकर्षक लग रहा था.

कई जगह अवैध रूप से बना दिये गये हैं रास्ते :

मैदान में कई जगह अवैध रूप से रास्ते बना दिए गए हैं मैदान के बीच से कई मोहल्ले के लोगों द्वारा प्रतिदिन लगातार आने जाने के कारण रास्ते पर का घास सूख गया है. स्थिति ऐसी है कि इस पर निगरानी कर फिर से घास लगाया जायेगा एवं उसमें नियमित पानी दिया जाएगा तभी घास की फिर से सुंदरता बढ़ सकती है. इतनी राशि खर्च कर सुंदर जी कारण करने के बाद भी कुछ लोग इसके महत्व को नहीं समझ पा रहे हैं एवं उनकी नासमझी के कारण मैदान पूर्व की स्थिति में पहुंचते जा रहा है.

घुस रहे हैं पशु, घास काटकर ले जा रही हैं महिलाएं : मैदान की सौंदर्यीकरण के बाद व्यवस्था बनाई गई थी कि इसमें पशु नहीं आ सके एवं घास को अपना चारा नहीं बना सके. पर अब इसकी रखवाली करने वाला नहीं है. ठेकेदार की लापरवाही से मैदान में पशुओं का चारागाह बन गया है. ऐसे में मैदान की स्थिति काफी दयनीय हो सकती है.

पांच वर्ष तक मेंटेनेंस करने का है करार :

सौंदर्यीकरण करने वाले ठेकेदार के साथ सौंदर्यीकारण के लिए नोडल कंपनी एनटीपीसी द्वारा ठेकेदार के साथ तीन वर्ष के लिए मैदान का मेंटेनेंस करने का करार किया गया है. पर विगत छह माह से मैदान का मेंटेनेंस नहीं किया जा रहा है.

लगाये गये हैं छह फ्लड लाइट व 120 डेकोरेटिव पाथवे लाइट मैदान के चारों तरफ टहलने के लिए बनाये गये डबल पाथवे के बीच में हर जगह डेकोरेटिव पाथवे लाइट लगाया गया है. इनकी संख्या 120 है. इससे पूरा मैदान रात में भी जगमग रहता है. इससे रात्रि में भी टहलने में लोगों को परेशानी नहीं होती है.

12.25 करोड़ से हुआ है सौंदर्यीकरण का कार्य :

12.25 करोड़ रुपये से सौंदर्यीकरण का कार्य हुआ है. इसके खर्च का वहन सामाजिक दायित्व के तहत एनटीपीसी ने किया है.

समय सीमा बीतने के बाद भी कई कार्य नहीं हो पाये हैं पूरे :

समय सीमा भी जाने के बाद भी अभी कई कार्य पूरे नहीं हो पाए हैं. पाथवे में सभी जगह टाइल्स नहीं लग पाया है. इस कारण टहलने में परेशानी हो रही है. केवल मोरम डालकर छोड़ दिया गया है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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