कुल्हड़िया स्थित टोल कर्मियों की मनमानी के खिलाफ ट्रांसपोर्टरों ने किया हंगामा
गाड़ी मालिक बोले, फास्टैग से भुगतान के बाद भी वसूली, घर पर खड़ी गाड़ियों का कट रहा टोल
कोईलवर.
पटना-बक्सर फोरलेन एनएच के कुल्हड़िया स्थित टोल प्लाजा पर ट्रांसपोर्टरों ने टोल कंपनी की मनमानी को लेकर बवाल किया. वाहन मालिकों ने टोल प्लाजा पर भारी वाहनों से जबरन वसूली को लेकर अपना विरोध दर्ज कराया. इस टोल प्लाजा से गुजरनेवाले वाणिज्यिक एवं निजी वाहनों से अवैध तरीके से वसूली को लेकर पटना और भोजपुर जिले के बिहटा, कोईलवर, सकड्डी, मनेर, बिहिया और बक्सर जिले के कई ट्रांसपोर्टर और वाहन मालिक मंगलवार की दोपहर टोल प्लाजा पर पहुंचे थे. उनका कहना था कि कुल्हड़िया स्थित टोल प्लाजा पर भारी पैमाने पर अवैध वसूली का खेल चल रहा है. टोल से गुजरनेवाली गाड़ियों के फास्टैग से भुगतान होने के बाद भी टोल पर कार्यरत कर्मी ओवरलोड की बात कह हजार से 12 सौ रुपये वसूलते हैं. नहीं देने पर चालक के साथ मारपीट से लेकर कागजात छीनने और पूरी रात गाड़ी साइड कर रखा जाता है. कई बार जरूरी चीजें लदी होने के बाद भी वाहनों को जबरन रोक दिया जाता है. वहीं, कई निजी कार चालकों ने बताया कि उनकी गाड़ी दरवाजे पर लगी होती है और आधी रात को उनके फास्टैग से पैसे कट जाते हैं.कुल्हड़िया निवासी रौशन पांडेय बताते हैं कि उनकी सकड्डी में दुकान है, जिस वजह से वो कुल्हड़िया से टोल पार कर सकड्डी जाते हैं. दोपहर में वीआइपी लेन से जाते हैं और रात को उनके गाड़ी के फास्टैग से पैसा कट जाता है. उन्होंने बताया कि टोल कर्मियों द्वारा वीआइपी लेन से गुजरनेवाली गाड़ियों को गुजरने के बाद रात में कैमरे में स्कैन कर उनके नंबर प्लेट से टोल काट लिया जाता है. इधर मंगलवार की सुबह टोल प्रबंधन की मनमानी के खिलाफ आक्रोश जता रहे बिहिया के ट्रांसपोर्टर मोहन तिवारी, लोरिक सिंह, शोभनाथ साह, बिहटा के मनोज सिंह, पवन कुमार, कोईलवर के चंदन सिंह, रोशन पांडेय, रितिक ओझा ने बताया कि कुल्हड़िया टोल पर ओवरलोड के नाम पर वाहनों से अवैध वसूली का खेल चल रहा है. वहां ट्रक चालकों से जबरन अवैध उगाही की जाती है. ओवरलोड के नाम पर चालकों से गाड़ी का पेपर छीन कई घंटों तक बैठाया जाता है. साथ ही आरोप लगाया कि टोल प्लाजा के कर्मी अवैध पैसे की मांग करते हैं. ट्रांसपोर्टरों ने कहा कि अगर टोल प्लाजा की मनमानी इसी तरह चलती रही तो मजबूरन हम सभी ट्रांसपोर्टर सड़क पर उतरने को मजबूर होंगे. इधर इस संबंध में बात करने पर टोल प्लाजा के मैनेजर सुधीर सांगवान ने बताया कि ट्रांसपोर्टरों द्वारा लगाये गये आरोप पूरी तरह निराधार हैं. गाड़ियों के भार क्षमता और चक्के के हिसाब से फास्टैग से स्वभुगतान होता है. फास्टैग न रहने की स्थिति में नकद राशि ली जाती है.
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