कोईलवर. पिछले अक्तूबर माह के अंतिम सप्ताह से सोन में शुरू हुआ बालू खनन भोजपुर समेत सारण और पटना जिले के लिए मुसीबत का सबब बन गया है. बालू खनन ने तीनों जिलों के सोन तटवर्तीय इलाकों को अघोषित रूप से नजरबंद कर दिया है. हालात यह है कि चंद किलोमीटर की दूरी तय करने में उन्हें घंटों का सफर तय करना पड़ रहा है. प्रभात खबर टीम ने जाम के मूल कारण को जानने के लिए कोईलवर से छपरा वाया डोरीगंज पुल और कोईलवर से सहार वाया चांदी तक लगभग 180 किलोमीटर की दूरी तय की. बुधवार की सुबह कोईलवर से छपरा की ओर बढ़ने पर जाम से सबसे पहले सामना झलकुनगर मोड़ पर हो गया. सकड़ी और परेव की ओर से मनभावन मोड़ के रास्ते आ रहे बालू लदे ट्रक झलकुनगर मोड़ से ही दोनों लेन में घुसने लगे. इस वजह से बबुरा की ओर से आ रहे खाली ट्रकों से सामना हो गया और जाम लग गया. तकरीबन आधा घंटा जाम में फंसने के बाद बाएं लेन से वाहनों को आगे बढ़ाया गया. हालांकि उस लेन में पहले से ही दो लाइन में बालू लदे ट्रक धीरे-धीरे सरक रहे थे. इसके साथ ही दाहिने लेन में भी एक लाइन में बालू लदे ट्रक आगे की ओर बढ़ रहे थे, जिनका सामना हर सेकेंड सामने से आ रहे खाली ट्रकों से हो रहा था. प्रभात खबर टीम यहां से निकलने के बाद जमालपुर पहुंची. इससे पहले चंदपुरा फ्लोर मिल के पास, जमालपुर हाइस्कूल के पास और जमालपुर बाजार से आगे ग्रामीण बैंक के पास टूटे डिवाइडर से बालू लदे ट्रक आगे बढ़ने की होड़ में इस लेन से उस लेन में जाते दिखे. इसी आपाधापी में फिर जाम लग गया. यहां से किसी तरह जब टीम मखदुमपुर बाजार पहुंची, तो वहां बाएं लेन में ढलाई का काम चल रहा था. इस वजह से बाएं लेन में दो लाइन में सरक रहे ट्रकों ने दाहिने लेन का रुख किया, जिससे रफ्तार पर ब्रेक लगा और सड़क जाम हो गया. असली जाम शुरू हुआ बबुरा बाजार से आगे बढ़ने पर, जहां बाएं लेन की सड़क को ढलाई के लिए उखाड़ दिया गया है. नतीजतन सभी वाहन टूटे डिवाइडर से कभी दाहिने तो कभी बाएं ओर चल रहे थे. बबुरा भागड़ के बाद डोरीगंज के रास्ते में बाएं लेन में बड़े-बड़े गड्ढे बन गये हैं, जिनसे पार पाना किसी भी वाहन के लिए मुमकिन नहीं है. गंगा नदी पर बने फोरलेन पुल पर चढ़ने से पहले बाएं लेन में दो से तीन फुट तक के सैकड़ों गड्ढे बन गये हैं. नतीजतन वाहनों की रफ्तार पर ब्रेक लग रहा है और बालू लदे ट्रक बीच सड़क पर ही खराब हो रहे हैं. यही हाल पुल के उत्तरी छोर पर डोरीगंज की ओर भी जहां बाएं लेन में दो से चार फुट तक के सैकड़ों जानलेवा गड्ढे हैं. इस वजह से मजबूरन बाएं लेन में चल रही गाड़ियों को डिवाइडर पार कर दाहिने लेन में जाना पड़ रहा है. यहां से आगे एनएच पर चढ़ते ही गाड़ियां क्रमबद्ध तरीके से सरकते हुए छपरा के भिखारी चौक होते रेलवे ढाला पर पहुंच रही हैं, जहां हर 10 से 15 मिनट पर रेलवे फाटक बंद हो रहा है जिसकी वजह से भी वाहनों की रफ्तार थम जा रही है. इस दौरान दिलचस्प यह रहा कि कोईलवर से छपरा रेलवे ढाला तक आने-जाने में भोजपुर पुलिस की कोई भी गाड़ी कहीं नहीं दिखी. वहीं डोरीगंज पुलिस बबुरा भागड़ और डोरीगंज पुल के बीच ट्रकों को आगे बढ़ाते नजर आयी.
अतिक्रमण हटा दिया जाये तो नहीं लगेगा जाम
इधर, चांदी चौक पर लोगों ने बताया कि चांदी से संदेश की ओर जाने के लिए चांदी चौक के रामजानकी मंदिर से लेकर भदवर की ओर 200 मीटर तक अतिक्रमण हटा दिया जाये, तो जाम से काफी हद तक निजात मिल जायेगी, साथ ही खाली ट्रकों को बेवजह ज्यादा देर तक खड़ा भी नहीं करना पड़ेगा. इससे चांदी से बबुरा तक खाली ट्रकों का दबाव कम होगा. लोगों ने यह भी कहा कि अगर पुलिस तत्पर होकर बालू वाले ट्रकों को नियंत्रित करे, तो जाम और दुर्घटना से बचा जा सकता है.ट्रकों को धीरे-धीरे बढ़ने देने से नहीं लगेगा जाम
जब प्रभात खबर की टीम कोईलवर से सहार पहुंची, तो कोईलवर के झलकुनगर से खाली वाहन क्रमबद्ध तरीके से खड़े नजर आये. वाहनों का यह काफिला चांदी चौक तक दिखा. पता चला कि ट्रकों को यहां रोक कर थोड़ी-थोड़ी देर पर संदेश की ओर बढ़ाया जाता है. स्थानीय लोगों ने बताया कि चांदी पुलिस द्वारा बेमतलब यहां खाली ट्रकों को रोका जा रहा है. अगर यहां ट्रकों को रोका नहीं जाये और धीरे-धीरे आगे बढ़ाया जाये, तो चांदी से लेकर बबुरा तक खाली वाहनों का दबाव नहीं बनेगा. लोगों ने बताया कि चांदी थाना द्वारा यहां यातायात संधारण के लिए पुलिस के जवान लगाये जाते हैं. इस आशय का जब पता किया तो एक जवान चांदी जमीरा रोड में एक बाइक पर बैठकर आराम फरमाता दिखा, तो एक जवान संदेश रोड में चाय दुकान में गप करता दिखा, जबकि चौक पर दोनों तरफ की गाड़ियां आमने-सामने होकर एक दूसरे में उलझी पड़ी थीं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है