आम आदमी की भोजन की थाली से दूर हुईं हरी सब्जियां
हरी सब्जियों की खरीदारी में लोगों का बिगड़ रहा बजट
आरा.
सब्जियों के दाम आम लोगों की पहुंच से काफी दूर चला गया है. लोग किसी तरह सब्जियां खरीद रहे हैं. हालात यह है कि किलोग्राम से नहीं, बल्कि पाव के हिसाब से सब्जियों की खरीदारी की जा रही है. इससे इससे लोगों को काफी परेशानी हो रही है. खासकर महिलाएं अपने रसोई के लिए बजट में सामंजस्य नहीं बैठा पा रही हैं. उन्हें काफी परेशानी हो रही है.40 से 50 रुपये प्रति किलो बिक रहा है भिंडी :
शहर में 40 से 50 रुपये प्रति किलो भिंडी की बिक्री की जा रही है. जबकि दस दिन पहले 20 से 25 रुपये प्रति किलो भिंडी की बिक्री हो रही थी. आलू का दाम 160 रुपये के पसेरी को पार हो चुका है. नगर सहित जिले में पांच किलो आलू की कीमत व्यापारी खरीदारों से 160 रुपये वसूल रहे हैं. इससे लोग लाचार हो चुके हैं. सामान्य लोगों के पहुंच के बाहर आलू सहित अन्य सब्जियों की कीमत हो गयी है. लोगों के रसोई का जायका बिगड़ गया है.वही बजट भी सीमा पार कर चुका है. सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं. हालात यह है कि लोग सब्जी खरीदते समय त्राहिमाम करने लग रहे हैं. सब्जी को लेकर लोगों के बीच हाहाकार मचा हुआ है. गृहिणियां सबसे अधिक परेशान हैं. पर प्रशासन द्वारा इस पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं की जा रही है.सब्जी विक्रेताओं द्वारा ग्राहकों से मनमानी कीमत वसूला जा रहा है.जमाखोरों के कारण बढ़ी है कीमत :
आलू की कीमत नगर के जमाखोरों के कारण बढ़ी है. प्रशासन द्वारा जांच की जाए तो जमाखोरों की काले करतूत सामने आ सकते हैं.जमाखोरों द्वारा आलू को अपने हिसाब से बाजार में लाया जा रहा है और मनमानी कीमत वसूल किया जा रहा है. इससे आलू की कीमत में आग लग गई है. उत्पादकों को नहीं मिलता है लाभ : सरकार लगातार किसानों की आमदनी को बढ़ाने की बात करती है. पर बेचारे किसानों की आर्थिक स्थिति इतनी कमजोर है कि अपने उत्पादन का पूरी कीमत नहीं ले पाते हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है