जिले में मॉनसून मेहरबान, खेतों को तैयार करने में जुटे किसान
लगातार हो रही बारिश से धान के बिचड़े को लाभ, सब्जी की फसल को क्षति
आरा
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काफी समय से बारिश नहीं होने एवं धान का बिचड़ा लगानेवाले रोहिणी नक्षत्र बीतने के बाद काफी कम किसान धान का बिचड़ा कम मात्रा में लगा पाये थे. इस कारण किसानों में मायूसी की स्थिति थी. वहीं पानी के अभाव में लगाये गये बिचड़े भी धूप के कारण सूख रहे थे. किसान निराश थे, पर अचानक जिले में मानसून मेहरबान हो गया. विगत तीन से चार दिनों से लगातार बारिश हो रही है. इससे किसानों के चेहरे पर खुशी दिखाई दे रही है. किसान खेतों की तरफ चल पड़े हैं. लगातार धान के बिचड़े लगाये जा रहे हैं, ताकि समय पर बिचड़े तैयार हों तो धान की रोपनी की जा सके. 10806.09 हेक्टेयर में विभाग ने निर्धारित किया है बिचड़ा डालने का लक्ष्य : कृषि विभाग ने जिले में 10806.09 हेक्टेयर में बिचड़ा लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया है, जिससे किसानों को धान की रोपनी करने में परेशानी नहीं हो एवं उनके जरूरतों के अनुसार धान की उपज हो सके. वहीं 11000 हेक्टेयर में धान की रोपनी करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.धानका बिचड़ा लगाने में आयी है काफी तेजी : जिले में धान का बिचड़ा लगाने में काफी तेजी आयी है. लगभग सभी किसान ट्रैक्टर आदि के माध्यम से खेतों की जुताई कर धान का बिचड़ा लगा रहे हैं. सुबह से शाम तक खेतों में रौनक रह रही है. बारिश के पानी से खेतों की जुताई करने में काफी सुविधा हो गयी है. जिले के दक्षिणी इलाके में काफी मात्रा में धान की रोपनी होती है. रोहिणी में काफी कम मात्रा में किसान पानी के अभाव में बिचड़ा नहीं लगा पाये थे. अब आर्द्रा नक्षत्र में इंद्र भगवान के मेहरबान होने से वर्षा होने के कारण किसान लगातार बिछड़ा लगा रहे हैं. इस कारण कृषि विभाग द्वारा निर्धारित धीरे-धीरे पूर्णता की ओर बढ़ रहा है.
नहरों में पानी नहीं होने से बिचड़ा लगाने में हुई परेशानी : नहरों में पानी नहीं आने के कारण किसानों को धान का बिचड़ा लगाने में काफी परेशानी हुई. जिन किसानों के पास अपना बोरिंग सेट था, उन किसानों ने धान का बिचड़ा लगा लिया था. पर जिन किसानों के पास अपना बोरिंग सेट नहीं था, उन किसानों को बिचड़ा लगाने मेंं काफी परेशानी हुई. एक तरफ वर्षा नहीं हो रही थी और दूसरी तरफ नहर में पानी नहीं था, ऐसे में किसान बिचड़ा नहीं लगा पा रहे थे. तीन-चार दिन से बारिश की शुरुआत होने से किसान तेजी से अपने खेतों में धान का बिचड़े लग रहे हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है