कोईलवर.
गीधा थानाध्यक्ष पर बेवजह धमकाने व मारपीट का आरोप लगा है. इसे लेकर पीड़ित द्वारा एसपी से मिलकर आवेदन देकर न्याय की गुहार लगायी गयी है. साथ ही आवेदन की प्रति महिला आयोग और मानवाधिकार आयोग को भी दी है. मामला गीधा थाना क्षेत्र के वीरमपुर गांव का है, जहां जमीन विवाद के मामले में थानाध्यक्ष दलबल के साथ पहुंची थीं. पीड़िता नारायणी देवी ने थानाध्यक्ष गीधा अमुस सलमा पर गंभीर आरोप लगाते हुए पुलिस अधीक्षक से मिलकर दिये गये आवेदन में कहा है कि उनके अपने सगे मौसा परशुराम चौधरी के साथ जमीन का आपसी विवाद चल रहा है, जिसका फैसला अंचलाधिकारी कोईलवर द्वारा मेरे पक्ष में दिया जा चुका है. इसी बीच बुधवार 24 जुलाई की दोपहर में अचानक दो पुलिस गाड़ी से थानाध्यक्ष गीधा अमुस सलमा और जमादार साहनी दलबल के साथ मेरे घर पहुंचे. उस समय मैं घर पर अकेली थी और मेरे पति खेत में मजदूरी करने गये थे. थानाध्यक्ष आते ही गाली गलौज करने लगीं. जब गाली देने का कारण पूछा, तो उन्होंने मुझे थप्पड़ जड़ दिया. इसके बाद साथ आये जमादार ने मेरे निजी अंगों पर मारना शुरू कर दिया, जिससे मैं जमीन पर गिर गयी. गिरने के बाद थानाध्यक्ष द्वारा मुझे लातों से मारा गया. जाते-जाते उनके द्वारा कहा गया कि अहिरान का जमाना चला गया और जितना जल्दी हो सके अपने पति पिंटू को थाने में भेज देना. अगर नहीं आया तो रात को सिपाही भेजकर तुम्हारी गर्मी ठंडा कर देंगे. पीड़ित नारायणी देवी ने बताया कि पति के आने के बाद मैंने उन्हें सारी बात बतायी. इधर घटना के संबंध में सदर एसडीपीओ-2 रंजीत कुमार सिंह ने बताया कि मामले को लेकर आवेदक द्वारा बुधवार को जानकारी दी गयी थी, जिसके बाद उसे कार्यालय बुलाया गया था, लेकिन वह नहीं आया. गुरुवार को पुलिस अधीक्षक कार्यालय में आवेदन दिया गया है. वस्तुस्थिति की जांचकर अग्रेतर कार्रवाई की जायेगी. वहीं, थानाध्यक्ष से घटना के बाबत पूछने के लिए कॉल किया गया, तो कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है