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गंगा के जल स्तर में मामूली गिरावट, पर स्थिति भयावह

जनप्रतिनिधियों ने सरकार से की बाढ़ग्रस्त क्षेत्र घोषित करने की मांग

By Prabhat Khabar News Desk | September 20, 2024 9:23 PM

शाहपुर.

शुक्रवार को गंगा नदी के जल स्तर में मामूली गिरावट से लोगों ने राहत की सांस ली है. हालांकि बाढ़ की स्थिति अभी भी भयावह बनी हुई है. जनप्रतिनिधियों द्वारा लगातार शाहपुर को बाढ़ प्रभावित क्षेत्र घोषित करने की मांग की जा रही है. जनप्रतिनिधियों ने कहा अब बचा क्या है. सबकुछ तो बाढ़ में नष्ट हो गया. खेती बाड़ी से कामकाज तक सबकुछ खत्म है. इधर कई गांवों के लोग विस्थापित होकर बक्सर-कोईलवर सुरक्षा तटबंध पर लालू डेरा व श्याम बाबा के समीप शरण लिए हुए हैं. जबकि जवइनिया गांव के लोग मध्य विद्यालय में शरण लिए हुए हैं. जवइनिया के बाढ़ राहत शिविर में प्रत्येक दिन छोटे-छोटे बच्चों के लिए दूध का भी प्रबंध किया गया है. इस बीच के बाढ़ का निरीक्षण करने एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम के साथ एसडीएम संजीत कुमार, डीसीएलआर अमरेंद्र कुमार एवं राजस्व अधिकारी रश्मि सागर ने कई स्थानों पर प्रभावित परिवारों के लिए चलाएं जा रहे सामुदायिक किचेन का निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान स्थापित लोगों से बातचीत करते हुए पूछा खाना कैसा है? प्रभावित परिवारों ने कहा कि जो खाना मिल रहा है अच्छा है. इसके पश्चात अधिकारियों ने खाना को देखा. एसडीएम ने कहा कि खाना ठीक मिलना चाहिए ताकि प्रभावित लोगों को कोई परेशानी ना हो सके. यदि इसमें कोताही होती है तो सख्त करवाई की जायेगी, लेकिन बाढ़ को देखते हुए यह नाकाफी है. प्रशासन द्वारा विभिन्न पंचायतों के बाढ़ प्रभावित परिवारों के लिए हजारों पॉलिथिन सीट का वितरण राजस्व कर्मचारियों के माध्यम से अधिकारियों के देखरेख में वितरित कराया गया है. साथ ही मेडिकल टीम भी लगी हुई है और मोबाइल मेडिकल तीन नाव के माध्यम से चल रहा है, जिसमे सभी तरह की दवाएं उपलब्ध है. 50 से अधिक नावों का परिचालन हो रहा है, लेकिन बांध पर लोगो साथ विस्थापित मवेशियों के लिए चारा उपलब्ध नहीं हो पा रहा है.बाढ़ क्षेत्र में पशु चारा का वितरण प्रारंभ : पशुपालन विभाग के द्वारा बाढ़ प्रभावित विभिन्न क्षेत्रों में शिविर लगाकर मवेशियों के लिए चारा का वितरण किया जा रहा है. मवेशी पालक चारा लेने के लिए टूट पडे हैं. पालकों ने बताया कि तीन-चार दिनों से मवेशियों को चारा नहीं मिल रहा था, जिससे वे भूख से बिलबिला रहे हैं. जैसे-तैसे घास आदि वगैरह उन्हें देकर जिंदा रखे हैं.

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