प्रयागराज महाकुंभ में हुई भगदड़ में पीटाठ की महिला की गयी जान, शव पहुंचा गांव

मौनी अमावस्या के मौके पर महाकुंभ में स्नान करने के लिए घाट पर जाते समय हुई घटना

By Prabhat Khabar News Desk | January 31, 2025 9:54 PM

पीरो.

मौनी अमावस्या के मौके पर प्रयागराज के महाकुंभ मेले में हुई भगदड़ में मारे गये लोगों में पीरो प्रखंड के पीटाठ गांव निवासी पूनम देवी नामक एक महिला की भी मौत हो गयी है. महिला की मौत की खबर से उनके परिजनों में कोहराम मच गया है. मृत महिला के पुत्र और पुत्रियों का रो-रो कर बुरा हाल है. वहीं इस खबर से गांव में भी मातम का माहौल बन गया है. जानकारी के अनुसार अगिआंव बाजार थाना क्षेत्र के पीटाठ गांव निवासी धनेश रजक की पत्नी पूनम देवी (उम्र करीब 45 वर्ष) अपनी जेठानी सुशीला देवी के साथ मौनी अमावस्या के मौके पर महाकुंभ में स्नान करने के लिए 28 जनवरी की सुबह घर से निकली थी. मृतका के जेठानी के अनुसार रात्रि करीब दो बजे वे दोनों संगम में स्नान के लिए पैदल घाट की ओर जा रही थीं. उसी समय अचानक पीछे से लोगों की भीड़ का रेला आ गया. इस भगदड़ में दोनों महिलाएं अलग हो गयीं. भगदड़ में सुशीला देवी को भी चोटें आयीं. भगदड़ के बाद जब काफी खोजबीन करने पर भी पूनम देवी नहीं मिली, तब सुशीला देवी ने अपने घर पर परिजनों को फोन किया और बताया कि भगदड़ में पूनम देवी कहीं खो गयीं हैं और उनका पता नहीं चल पा रहा है. इसके बाद उनके परिजन पीटाठ गांव से प्रयागराज के लिए निकले. इधर प्रयागराज पुलिस द्वारा अगिआंव बाजार थाना में फोन से सूचना दी गयी की महाकुंभ मेले के हुए भगदड़ में पीटाठ गांव निवासी पूनम देवी नामक एक महिला की मौत हो गयी है. इसके बाद अगिआंव बाजार थाना की पुलिस ने मृतक के परिजनों को पूरे मामले की जानकारी दी. पुलिस द्वारा दी गयी जानकारी के आधार पर प्रयागराज पहुंचकर महिला का शव लिया और शुक्रवार को शव के साथ अपने गांव पहुंचे. मृत महिला का शव यहां पहुंचते ही माहौल पूरी तरह गमगीन हो गया. मृतका की दोनों पुत्रियां नेहा (20 वर्ष) और निशा (18 वर्ष) तथा पुत्र विशाल (16 वर्ष) फूट फूटकर रोने लगे. बच्चों को रोता देख वहां मौजूद सभी लोगों की आंखें भी नम हो गयीं. बता दें कि धनेश रजक और उनकी पत्नी पूनम देवी के पुत्र और दोनों पुत्रियों की शादी अभी अभी हुई है. दोनों पुत्रियों का अपनी माता से काफी लगाव था और उनके असामयिक निधन से बच्चों के साथ पूरे परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है.

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