भारत के टॉप तीन थानों में शामिल हुआ अरवल का महिला थाना, गृह मंत्री अमित शाह 20 जनवरी को देंगे प्रमाण पत्र
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अरवल महिला थाना को 2022 के लिए देश के टॉप तीन थानों में चुना है. अनुसंधान व केसों के निष्पादन, अपराध रोकने की पहल, मामलों में आरोप पत्र दायर करने की गति आदि मे सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के आधार पर थाने का चयन किया गया है.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अरवल महिला थाना को 2022 के लिए देश के टॉप तीन थानों में चुना है. अनुसंधान व केसों के निष्पादन, अपराध रोकने की पहल, मामलों में आरोप पत्र दायर करने की गति आदि मे सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के आधार पर थाने का चयन किया गया है. 20 जनवरी को नयी दिल्ली में आयोजित पुलिस महानिदेशकों के सम्मेलन में थानाध्यक्ष पूनम चौधरी को पुरस्कृत किया जायेगा. ओड़िशा के गंजाम जिले के अस्का और उत्तराखंड के चंपावत जिले के बनबास पुलिस थाना को भी देश के टॉप तीन थानों में शामिल किया गया है.
सितंबर माह में ही केंद्रीय गृह मंत्रालय की टीम ने अरवल महिला थाना का निरीक्षण किया था. इस दौरान थाने के रजिस्टर, लंबित मामलों की संख्या, उपलब्ध सुविधाओं की जांच की गयी थी. स्थानीय नागरिकों से फीडबैक भी लिये गये थे. सभी प्रकार की पंजी अपडेट पाये गये. इस थाने में आने वाली महिलाओं के लिए बैठने की व्यवस्था, महिलाओं के साथ आने वाले बच्चों को खेलने के लिए सभी प्रकार की सुविधाएं भी मौजूद हैं. थाना में दिव्यांगों एवं वृद्ध के लिए रैम्प बना हुआ है. महिला और पुरुष हवालात अलग-अलग हैं. थाना में रहने वाले पुलिस कर्मियों को स्वस्थ रखने के लिए व्यायाम जिम की भी व्यवस्था है. सितंबर माह में अरवल महिला थाना अपने नये भवन में आया था. पूर्व एसपी हिमांशु शंकर त्रिवेदी की पहल पर महिला थाना को सुसजित एवं आकर्षक बना करने के लिए नगर परिषद ने भी सहयोग किया था. अरवल के पुलिस अधीक्षक मो कासिम ने इस उपलब्धि पर खुशी जाहिर की है. मालूम हो कि इसके पहले अरवल जिले के रामपुर चौरम थाना को 2021 में यह अवार्ड मिला था.
बिहार का लगातार बना हुआ है स्थान: एडीजी
अरवल के बेहतर प्रदर्शन के बारे में बताते हुए एडीजी पुलिस मुख्यालय जेएसएस गंगवार ने कहा कि बिहार पुलिस ने अपना बेहतर प्रदर्शन लगातार जारी रखा है. देश भर के थानों की जो रैकिंग जारी होती है, उसमें बिहार का लगातार स्थान बना हुआ है. इन मानकों पर परखा गया : अनुसंधान व केसों के निष्पादन, आधारभूत संरचना, नागरिक सुविधाएं, बच्चों के लिए अलग कोना, लोक सेवाओं का निष्पादन आदि.