आयुष चिकित्सक कर रहे हर मर्ज का इलाज

कुव्यवस्था. डॉक्टरों की कमी झेल रहा बंधुगंज का एपीएचसी पेयजल व शौचालय की कमी से हो रही परेशानी मोदनगंज : मोदनगंज प्रखंड के बंधुगंज एनएच 110 पर अवस्थित अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भवन व चिकित्सकों की कमी का दंश झेल रहा है. अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बुंधुगंज में एक आयुष डॉक्टर, दो एएनएम, एक क्लर्क […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 29, 2017 4:16 AM

कुव्यवस्था. डॉक्टरों की कमी झेल रहा बंधुगंज का एपीएचसी

पेयजल व शौचालय की कमी से हो रही परेशानी
मोदनगंज : मोदनगंज प्रखंड के बंधुगंज एनएच 110 पर अवस्थित अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भवन व चिकित्सकों की कमी का दंश झेल रहा है. अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बुंधुगंज में एक आयुष डॉक्टर, दो एएनएम, एक क्लर्क सहित आठ कर्मचारी नियुक्त हैं. अस्पताल का ओपीडी आयुष डॉक्टर के सहारे ही चलता है. चिकित्सक के अभाव में मरीजों को 24 घंटे बेहतर चिकित्सा सेवा देने का दावा करने वाला अस्पताल संसाधनों की कमी झेल रहा है. इमरजेंसी सेवा के लिए एक भी चिकित्सक तैनात नहीं हैं. अस्पताल में साधारण प्रसव तो स्वास्थ्य कर्मी करा लेते हैं, लेकिन सिजेरियन व इमरजेंसी के लिए जहानाबाद रेफर कर दिया जाता है.
अस्पताल का अपना भवन नहीं रहने के कारण सुविधाओं की घोर कमी है. शौचालय जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है व बंद पड़ा है. वहीं, पेयजल की सुविधा का भी अभाव है. अस्पताल में कुल मिला कर 27 प्रकार की दवाएं मौजूद हैं. अस्पताल में कैल्शियम, विटामिन-बी वगैरह की दवा नहीं है.
भवन व चिकित्सक की कमी के कारण मरीजों को चिकित्सकीय सेवा देने वाला बंधुगंज अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र खुद बीमार है.
अस्पताल से बहुत कम दवा मिलती है. अधिकतर दवाएं बाजार से खरीदनी पड़ती है. पीने के लिए पानी भी यहां उपलब्ध नहीं है. प्यास लगने पर काफी दिक्कत होती है.
पूनम देवी, कोरमा निवासी
अस्पताल में चिकित्सकों की काफी कमी है. इससे इलाज कराने आये लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. ओपीडी में अक्सर आयुष डॉक्टर ही रहते हैं.
विक्की कुमार, किसुराम निवासी
कुछ दवा तो मिलती है, पर कुछ दवा बाहर से भी खरीदनी पड़ती है. वहीं, शौचालय व पेयजल नहीं रहने के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
दुखन देवी, परियावां निवासी
अस्पताल में पेयजल की सुविधा नहीं है, शौचालय के हालत काफी खराब है व बंद पड़ा है. इससे मरीजों व उनके परिजनों को काफी परेशानी होती है.
छोटू कुमार, मननपुर निवासी

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