अंधेरे में सिद्धेश्वरनाथ की नगरी

श्रावणी मेला. वाणावर जाने वाले श्रद्धालुओं को हो रही परेशानी पथ निर्माण विभाग ने दो माह पहले लगायी थीं लाइटें मखदुमपुर : जिले के ऐतिहासिक वाणावर पहाड़ स्थित बाबा सिद्धेश्वरनाथ मंदिर इन दिनों अंधेरे में डूबा है. अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल वाणावर जाने वाले मार्गों पर लगायी गयीं लाइटें रोशनी नहीं दे पा रही हैं. अंतरराष्ट्रीय […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 14, 2017 3:00 AM

श्रावणी मेला. वाणावर जाने वाले श्रद्धालुओं को हो रही परेशानी

पथ निर्माण विभाग ने दो माह पहले लगायी थीं लाइटें
मखदुमपुर : जिले के ऐतिहासिक वाणावर पहाड़ स्थित बाबा सिद्धेश्वरनाथ मंदिर इन दिनों अंधेरे में डूबा है. अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल वाणावर जाने वाले मार्गों पर लगायी गयीं लाइटें रोशनी नहीं दे पा रही हैं. अंतरराष्ट्रीय पर्यटन के मानचित्र पर लाने के लिए सूबे की सरकार पिछले साल ही लाइटें लगायी थीं, लगभग दो माह में ही खराब हो गयीं. स्थानीय लोगों का मानें, तो लाइट नहीं जलने से श्रद्धालुओं को काफी परेशानी हो रही है, जबकि सावन माह में वाणावर जानेवाले श्रद्धालुओं संख्या लाखों में होती है.
हालांकि श्रावणी मेले का आयोजन जिला प्रशासन द्वारा किया जाता है, फिर भी लाइटों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. मुस्सी गांव निवासी मनोज कुमार बताते हैं कि लाइट नहीं रहने से रात में पहाड़ पर सांप-बिच्छु का खतरा बना रहता है. वहीं, जहानाबाद मलहचक मोड़ निवासी विजय कुमार ने बताया कि अंधेरे में वाणावर जाने में पत्थरों से टकरा कर श्रद्धालु हमेशा चोटिल हो जाते हैं.
इस बाबत पूछे जाने पर बीडीओ राजेश कुमार दिनकर ने बताया पथ निर्माण विभाग द्वारा मुस्सी मोड़ से गायघाट तक लाइटें लगायी गयी थीं. शायद बिजली विभाग द्वारा लाइटों का कनेक्शन नहीं लिया गया था, जिससे लाइटें नहीं जल रही हैं. इस मामले से उच्च पदाधिकारियों को अवगत कराया गया है. जल्द ही लाइटें जलनी लगेंगी.

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