गुणवत्ता के अभाव में सेतु बन गया खंडहर

188.78 करोड़ की लागत से सोन नदी पर बना था उच्चस्तरीय शताब्दी सेतु अरवल : 188.78 करोड़ की लागत से सोन नदी पर बने उच्चस्तरीय शताब्दी सेतु उद्घाटन के पांच वर्ष बाद गुणवत्ता के अभाव में खंडहर बनने लगा. कभी भी बड़ी हादसे से इनकार नहीं किया जा सकता है. मालूम हो कि सोन नदी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 2, 2017 6:11 AM

188.78 करोड़ की लागत से सोन नदी पर बना था उच्चस्तरीय शताब्दी सेतु

अरवल : 188.78 करोड़ की लागत से सोन नदी पर बने उच्चस्तरीय शताब्दी सेतु उद्घाटन के पांच वर्ष बाद गुणवत्ता के अभाव में खंडहर बनने लगा. कभी भी बड़ी हादसे से इनकार नहीं किया जा सकता है. मालूम हो कि सोन नदी में बने उच्चस्तरीय शताब्दी सेतु का शिलान्यास 17 दिसंबर 2008 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा किया गया था. इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि सुशील कुमार मोदी थे तथा अध्यक्षता तत्कालीन पथ निर्माण मंत्री प्रेम कुमार ने की थी. इस कार्य को कराने के लिए लिंगला कंपनी का चयन किया गया था. जो पांच वर्ष में पूरा कर दिखाया. विडंबना यह है कि निर्माण के समय भी गुणवत्ता में कमी को लेकर लंबी बहस छिड़ी थी.
पक्ष-विपक्ष एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे थे. हालात यह है कि 30 जनवरी 2012 को इस पुल का उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया था. इसमें भी मुख्य अतिथि सुशील कुमार मोदी ही रहे. यह पुल बनाने के लिए विधायक बनने से पूर्व सत्यदेव कुशवाहा जनजागरण तक चलाये लेकिन पांच वर्षों के भीतर पुल की जो दुर्दशा हो रही है.
विधायक सत्यदेव कुशवाहा कुछ बोल नहीं पा रहे हैं. जबकि इस पुल की लंबाई 2.4 किमी है पुल को क्षतिग्रस्त हो जाने से बड़े वाहनों को उस स्थल पर धीरे-धीरे जाना पड़ रहा है. यदि समय रहते पुल की राज्य सरकार मरम्मत नहीं कराती है तो आरा, बक्सर, छपरा, बिक्रमगंज की तरफ जाने वाली सभी गाड़ियां बंद हो जायेंगी.

Next Article

Exit mobile version