नहीं मिल रहा शुद्ध पेयजल
दो दशक पूर्व लाखों की लागत से बनी थी जलमीनार अरवल : हर घर में नल का जल योजना को मुंह चिढ़ा रही है मुख्यालय स्थित जलमीनार. वर्षों पूर्व निर्मित जलमीनार शोभा की वस्तु बनी हुई है. कभी पाइप लाइन की खराबी, तो कभी संयंत्र की खराबी के कारण लोगों के घरों तक नल का […]
दो दशक पूर्व लाखों की लागत से बनी थी जलमीनार
अरवल : हर घर में नल का जल योजना को मुंह चिढ़ा रही है मुख्यालय स्थित जलमीनार. वर्षों पूर्व निर्मित जलमीनार शोभा की वस्तु बनी हुई है. कभी पाइप लाइन की खराबी, तो कभी संयंत्र की खराबी के कारण लोगों के घरों तक नल का जल नहीं पहुंच पा रहा है. फिर भी मुख्यालय में पदस्थापित पदाधिकारी धरातल पर इस योजना को उतारने में असफल साबित हो रहे है.
मालूम हो कि दो दशक पूर्व लाखों की लागत से मुख्यालय के प्रखंड परिसर में शुद्ध पानी के लिए जलमीनार का निर्माण कराया गया था. काफी जद्दोजहद के बाद निर्माण जलमीनार से पानी की सप्लाई प्रारंभ की गयी लेकिन सफल नहीं सका. इसका मुख्य कारण पाइप लाइन से जगह -जगह से व्यापक पैमाने पर जल का रिसाव होना है.
पाइप लाइन के रिसाव के लिए विभाग द्वारा कार्य भी किया गया, लेकिन शत-प्रतिशत रिसाव को बंद करने में सफलता नहीं मिली. जिसके कारण वर्तमान समय में लोगों के घरों में पानी नहीं पहुंचाया जा सकता. जिस उद्देश्य से जलमीनार का निर्माण कराया गया था, उस उद्देश्य की पूर्ति के लिए धरातल पर कोई कार्य नहीं किया जा रहा है.जबकि सरकार द्वारा सात निश्चय के तहत सभी घरों में नल का जल पहुंचाने के लिए अथक प्रयास किया जा रहा है.
क्या कहते हैं लोग
वर्षों पूर्व पानी टंकी का परीक्षण किया गया था ,तो लगा था कि सभी घरों में पीने के लिए शुद्ध पानी की व्यवस्था जल मीनार से हो जायेगी, लेकिन अभी तक लोगों को पानी टंकी के माध्यम से घरों में पानी नहीं उपलब्ध कराया जा रहा है.
सुदामा पासवान
जब जलमीनार बनी थी, तो लगा कि अब मुख्यालय शहर के लोगों को शुद्ध पेयजल मिलेगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं. जिसके कारण लोगों में मलाल है.
विकास कुमार
लाखों की लागत से जलमीनार बनी, पर पानी की सप्लाई नहीं हो सकी. इसे विभाग की लापरवाही कहें या सरकार की, लेकिन इसकी मार स्थानीय लोग झेल रहे हैं.
दीपनारायण