समान शिक्षा व्यवस्था सम्मेलन का किया गया आयोजन
करपी (अरवल) : ‘शिक्षा किसी की जागीर नहीं, यह लोक निर्माण का सामाजिक साधन है. इस नारे के साथ समान शिक्षा व्यवस्था सम्मेलन’ की शुरुआत रामशरण यादव कॉलेज, देवकुंड में हुई. समान शिक्षा व्यवस्था सम्मेलन का आयोजन ‘ केदार दास श्रम व समाज अध्ययन संस्थान’ द्वारा किया गया जबकि संयोजन बिहार शिक्षा आंदोलन संयोजन समिति और अखिल भारतीय शिक्षा अधिकार मंच, बिहार की तरफ से किया गया. उद्घाटन सत्र में प्रगतिशील लेखक संघ के राष्ट्रीय महासचिव राजेंद्र ने कहा कि आज स्कूलों में शिक्षकों से पढ़ाई से इतर दूसरे काम कराये जा रहे हैं.
समान स्कूल व्यवस्था लागू करने के लिए हम चुनाव के समय उन दलों से सवाल पूछें कि क्या वो समान स्कूल व्यवस्था लागू करेगी? हम धर्म और जाति, हिंदुत्व व पिछड़ा-अगड़ा के नाम पर वोट देंगे और समान स्कूल व्यवस्था कैसे लागू होगी, ये कैसे चलेगा. सामाजिक कार्यकर्ता गालिब खान ने कहा कि हमें आंदोलन का नया व्याकरण गढ़ना होगा. मेरे ख्याल से समान शिक्षा व्यवस्था देश में कोई जनवादी पार्टी ही कर सकती है. पहले सत्र को शिक्षाविद प्रो वसी अहमद , शिक्षक सत्येंद्र कुमार ने भी संबोधित किया. प्रथम सत्र का संचालन अनिल कुमार राय ने किया.
दूसरे सत्र को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता दिल्ली विश्वविद्यालय के विकास गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा शास्त्र एक छलावा है. हमें सरोकार पर आधारित शिक्षा की बात करनी होगी. साथ ही हमें परिवर्तन के लिए इंतज़ार नहीं करना होगा. खुद अपने स्तर पर और साथ समाज के साथ मिलकर संजीदा प्रयास करें. समानता की लड़ाई हमारे रोज-रोज के व्यावहारिक जीवन से भी शुरू होता है. असमानता को हम झेलते रहे हैं अपने जीवन में. हम प्रारंभ में सरकार के पास लाखों हस्ताक्षर भेज कर सकते हैं.
दूसरे सत्र को उमेश सिंह, बाल श्रम आयोग के मुखतारुल हक आदि ने भी संबोधित किया. सत्रों में प्रमुख लोगों में मजदूर नेता अरुण मिश्रा, एआईएसएफ के राष्ट्रीय महासचिव विश्वजीत, कवि सत्येंद्र कुमार, अशोक कुमार सिन्हा, आशुतोष कुमार राकेश , जयप्रकाश, सामाजिक कार्यकर्ता राकेश, अक्षय आदि मौजूद थे.