समुचित इलाज के अभाव में गर्भ में ही बच्चे की मौत
मामला सदर अस्पताल अरवल का अरवल : सदर अस्पताल में चिकित्सक एवं नर्स की लापरवाही से प्रसव कक्ष में एक महिला तड़पती रही, लेकिन चिकित्सकों ने उसका इलाज करना मुनासिब नहीं समझा, जिससे सरिता देवी के गर्भ में ही बच्चे ने दम तोड़ दिया. इसकी शिकायत सिविल सर्जन से की गयी तो तीन सदस्यीय जांच […]
मामला सदर अस्पताल अरवल का
अरवल : सदर अस्पताल में चिकित्सक एवं नर्स की लापरवाही से प्रसव कक्ष में एक महिला तड़पती रही, लेकिन चिकित्सकों ने उसका इलाज करना मुनासिब नहीं समझा, जिससे सरिता देवी के गर्भ में ही बच्चे ने दम तोड़ दिया. इसकी शिकायत सिविल सर्जन से की गयी तो तीन सदस्यीय जांच टीम गठित कर जांच करने का निर्देश दिया. मालूम हो कि वार्ड पार्षद चंद्रभूषण सिंह की बेटी सरिता देवी को सदर अस्पताल में तीन दिन पहले प्रसूति के लिए भर्ती कराया गया था. उसी दिन से सरिता दर्द से कराह रही थी, लेकिन चिकित्सक एवं नर्स ने जच्चा-बच्चा का सही बता कर दवा देते रहे. 29 अगस्त की अहले सुबह जब सरिता देवी की ज्यादा तबीयत खराब हो गयी तो उनके पिता दूसरे जगह इलाज कराने की बात करने लगे.
इसी क्रम में सुबह सात बजे डॉ विजय कुमार सिन्हा के क्लिनिक पर ले जाकर ऑपरेशन कराया गया तो बच्चा मरा हुआ निकला. वहां के डॉक्टर ने बताया कि गर्भ में तीन दिन पहले ही बच्चे की मौत हो चुकी थी. इससे वार्ड पार्षद भड़क उठे और सिविल सर्जन को लिखित आवेदन देकर वैसे चिकित्सक एवं नर्स पर कार्रवाई करने की मांग की. सिविल सर्जन त्रिवेणी प्रसाद सिंह ने जांच टीम गठित कर दोषी चिकित्सक एवं नर्स पर कार्रवाई करने की बात कही है.