* न्याय की दोरंगी नीति का किया विरोध
अरवल (सदर) : गरीब मजदूरों, अल्पसंख्यक-आदिवासी, महिलाओं और नरसंहार पीड़ित परिवारों के साथ हो रहे अन्याय और न्यायालय की दोरंगी नीति के खिलाफ भाकपा (माले) द्वारा शुरू की गयी न्याययात्रा भोजपुर के नगरी और बथानी से चल कर अरवल जिले के नरसंहार पीड़ित गांव लक्ष्मणपुर बाथे पहुंचा और यात्रा में शामिल माले के राज्य कमेटी सदस्य राजाराम, सुदामा प्रसाद, सुधीर सुमन, क्यूम अंसारी, मनोज मंजिल, माले के जिला सचिव कॉ महानंद सहित अन्य नेताओं ने नरसंहार पीड़ित परिवार के सदस्यों से मिलें.
नरसंहार पीड़ित परिवार को मिलने के बाद गांव में एक सभा की इसके बाद पार्टी कार्यालय में माले की राज्य कमेटी के स्थायी सदस्य राजाराम ने कहा कि न्याय के नारा देनेवाली नीतीश सरकार में गरीबों- मजदूरों, अल्पसंख्यकों, आदिवासी, महिलाओं और नरसंहार पीड़ित परिवारों पर बर्बरतापूर्ण हमला हो रही है. सामंतो को अन्याय करने की छूट मिली है, तो गरीबों को न्याय मांगने पर लाठी, गोली और झूठे मुकदमों में जेल भेजा जा रहा है.
न्यायालय भी सरकार के इशारे पर नगरी, बथानी, नरसंहार के कातिलों को बरी कर रहा है. लक्ष्मणपुर बाथे के अभियुक्त न्यायालय से सजा के बाद भी धर्मा शर्मा, फनिश्वर सिंह, खुलेआम घूम रहे हैं. नरसंहार पीड़ित परिवार को धमकी दी जा रही है. उन्होंने कहा कि सरकार का दोहरी चरित्र और पुलिसिया कार्रवाई की पोल बरमेश्वर मुखिया की हत्या के समय उजागर हुई थी. मुखिया के गुंडों ने आरा से पटना तक नंगा नाच किया था. पुलिस की हेकड़ी बंद हो गयी थी. उधर गरीबों की आवाज उठानेवालों को जेल में बंद किया जा रहा है.
* विकास के नाम पर लूट मची है
पदयात्रा में शामिल सुदामा प्रसाद ने कहा कि विकास के नाम पर सरकारी राशि को लूटा जा रहा है. किसानों को खाद, बीज, पानी नहीं मिल रहा है. कृषि रोड मैप के नाम पर सरकारी राशि की निकासी हो रही है. उन्होंने कहा कि मनरेगा में मजदूरों को मजदूरी कम कर दिया है.
मजदूरों को काम नहीं मिल रहा है. मनरेगा में बड़े पैमाने पर घोटाला हुई है. इन सब सवाल को लेकर आठ जून को मनरेगा मजदूर सड़क पर उतरेगा और चक्का जाम करेगा.