ब्लड स्टोर में महीनों से नहीं है ब्लड

अरवल : शहर में भी ब्लड बैंक नहीं है, जहां से कोई ब्लड लाकर मरीज को चढ़ाये. सदर अस्पताल में उपकरण के अभाव में अब तक ब्लड बैंक चालू नहीं हो सका है. ऐसे में विभागीय लापरवाही के कारण मरीज के परिजनों को ब्लड के लिए दर-दर भटकना पड़ता है. उन्हें अस्पताल प्रबंधन की ओर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 22, 2019 1:24 AM

अरवल : शहर में भी ब्लड बैंक नहीं है, जहां से कोई ब्लड लाकर मरीज को चढ़ाये. सदर अस्पताल में उपकरण के अभाव में अब तक ब्लड बैंक चालू नहीं हो सका है. ऐसे में विभागीय लापरवाही के कारण मरीज के परिजनों को ब्लड के लिए दर-दर भटकना पड़ता है. उन्हें अस्पताल प्रबंधन की ओर से बस एक ही जवाब मिलता है कि ब्लड नहीं है.

जिले में आये दिन सड़क दुर्घटनाएं होती रहती हैं जिसके कारण कई दुर्घटनाग्रस्त मरीजों को तुरंत खून चढ़ाने की जरूरत रहती है लेकिन जिले के सदर अस्पताल के ब्लड स्टोर में एक यूनिट भी ब्लड नहीं है. पिछले वर्ष के सितंबर माह के बाद एक भी यूनिट ब्लड संग्रह नहीं हो पाया है. ब्लड स्टोर में ब्लड संग्रह नहीं रहने का कारण ब्लड बैंक का नहीं होना भी बताया जा रहा है.
अगर कोई डोनर ब्लड देना भी चाहता है तो नहीं दे पाता है क्योंकि जब ब्लड बैंक नहीं है तो लैब टेक्नीशियन की जरूरत होती है जो जिले में नहीं है. मालूम हो कि अरवल सदर अस्पताल में अब तक ब्लड बैंक की स्थापना नहीं हो सकी है जिसके कारण जहानाबाद सदर अस्पताल से यहां ब्लड की आपूर्ति होती है. ब्लड बैंक नहीं रहने के कारण इसका भंडारण करना कठिन है जिसके कारण जरूरत के अनुरूप ही यहां रक्त लाया जाता है.
बड़ी घटना होने पर मच जाती है अफरातफरी : जब कभी बड़ी घटना होती है तो अफरातफरी की स्थिति कायम हो जाती है. कई मरीजों को यहां से रेफर इसलिए कर दिया जाता है कि उसके शरीर में रक्त की कमी होती है. यदि ब्लड बैंक होता तो नि:शुल्क तथा बेहतर स्वास्थ्य लाभ की उम्मीद लेकर इलाज के लिए गरीब तबके के लोग यहां आते हैं लेकिन उन्हें रक्त जैसी कमी के कारण रेफर होना पड़ता है.
बताते चलें कि जब इस अस्पताल का निर्माण हो रहा था तो यहां के लोगों को यह उम्मीद थी कि अब उन्हें बड़ी बीमारियों के इलाज के लिए बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी, लेकिन व्यवस्था की कमी के कारण आज भी लोग परेशान हो रहे हैं. स्थिति ऐसी है कि मरीज की जरूरत के अनुरूप ब्लड यहां आता है और इमरजेंसी के लिए बहुत कम रक्त ही उपलब्ध रहता है.
क्या कहते हैं अधिकारी
रक्त संग्रह जब कोई करेगा तभी रक्त स्टोर में उपलब्ध रह पायेगा. रक्तदान शिविर लगता है तो बहुत कम लोग रक्तदान करते हैं. जहानाबाद सदर अस्पताल से टीम आकर ब्लड स्टोर करती है. उसके बाद उसे रिफाइन कर सदर अस्पताल को भेजती है, वही ब्लड रहता है. कागजी प्रक्रिया जो करना था यहां से हो गया है. जैसे ही विभाग से आदेश मिलता है ब्लड बैंक चालू हो जायेगा.
डॉ. अरविंद कुमार, सिविल सर्जन, अरवल
क्या कहते हैं अधिकारी
रक्त संग्रह जब कोई करेगा तभी रक्त स्टोर में उपलब्ध रह पायेगा. रक्तदान शिविर लगता है तो बहुत कम लोग रक्तदान करते हैं. जहानाबाद सदर अस्पताल से टीम आकर ब्लड स्टोर करती है. उसके बाद उसे रिफाइन कर सदर अस्पताल को भेजती है, वही ब्लड रहता है. कागजी प्रक्रिया जो करना था यहां से हो गया है. जैसे ही विभाग से आदेश मिलता है ब्लड बैंक चालू हो जायेगा.

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