फाइलेरिया उन्मूलन अभियान शुरू
अरवल : फाइलेरिया से मुक्ति दिलाने के लिए 14 दिवसीय फाइलेरिया उन्मूलन अभियान का शुभारंभ शहर के आदर्श मध्य विद्यालय बैदराबाद में जिला पदाधिकारी रवि शंकर चौधरी एवं सिविल सर्जन डॉ अरविंद कुमार के द्वारा बच्चों को दवा खिलाकर किया गया. इस मौके पर डीएम ने कहा कि जिले को फाइलेरिया मुक्त बनाना है तो […]
अरवल : फाइलेरिया से मुक्ति दिलाने के लिए 14 दिवसीय फाइलेरिया उन्मूलन अभियान का शुभारंभ शहर के आदर्श मध्य विद्यालय बैदराबाद में जिला पदाधिकारी रवि शंकर चौधरी एवं सिविल सर्जन डॉ अरविंद कुमार के द्वारा बच्चों को दवा खिलाकर किया गया. इस मौके पर डीएम ने कहा कि जिले को फाइलेरिया मुक्त बनाना है तो सभी लोग दवा जरूर खाएं एवं दूसरों को भी दवा खाने के प्रति प्रेरित करें. उन्होंने कहा कि यह अभियान 20 नवंबर तक चलेगा.
उन्होंने कहा कि फाइलेरिया से मुक्ति पाना है तो इस अभियान के तहत जो भी दवा खिलाये जायेंगे. उस दवा का सेवन जरूर करें. इस मौके पर सभी पदाधिकारी भी खुद मलेरिया से बचाव हेतु दवा खाये, ताकि लोगों को विश्वास हो कि यह दवा काफी ही उन्नत किस्म की है. साथ ही डीएम ने कहा कि तीन लोग इस दवा को नहीं खायेंगे. दो साल से कम उम्र के बच्चे, गर्भवती महिला एवं गंभीर बीमारी से ग्रसित लोग फाइलेरिया की दवा का सेवन नहीं करेंगे.
इस मौके पर डॉ विजय कुमार सिंह, फाइलेरिया पदाधिकारी रामपाल सिंह, नेशनल प्रबंधक मलेरिया विभाग सौरभ शुक्ला, राज्य पदाधिकारी फाइलेरिया विभाग प्रवीण कुमार, जिला समन्वयक फाइलेरिया विभाग सहित आदर्श मध्य विद्यालय के प्राचार्य जयप्रकाश सिंह सभी छात्र-छात्राएं, शिक्षक-शिक्षिकाएं उपस्थित थे.
फाइलेरिया की रोकथाम के लिए दी गयी आइवरमेकटिन दवा :जिले के कई प्रखंडों के आंगनबाड़ी केंद्रों व सरकारी स्कूलों में गुरुवार को फाइलेरिया की दवा बच्चों को दी गयी. शुक्रवार को भी फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर सरकारी स्कूलों व आंगनबाड़ी केंद्रों पर दो साल से अधिक उम्र के बच्चों को दवा दी जायेगी.
जिला में फाइलेरिया की रोकथाम के लिए यह अभियान चलाया जा रहा है. ट्रिपल ड्रग थेरेपी आइडीए के तहत जिले के सभी पांच प्रखंडों में सात लाख से अधिक लोगों को फाइलेरिया की दवा दी जायेगी. इस राउंड में फाइलेरिया के इलाज के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा अनुशंसित तीसरी दवाई आइवरमेक्टीन को शामिल किया गया है.
क्या है आइडीए थेरेपी
फाइलेरिया की रोकथाम के लिए पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा अनुशंसित दो दवाओं की नीति अपनाई जाती थी जिसमें डाईइथाइल कार्बामाजीन डीइसी और एलबेंडाजोल शामिल था. अब इन दवाओं के साथ एक और दवा को शामिल किया गया है. यह दवा आइवरमेकटिन हैं और इसे सर्वजन दवा सेवन अभियान के तहत लोगों को दिया जाना है.
लिमफैटीक फाइलेरिया को दूर करने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण पहल है. फाइलेरिया की पूर्णत: रोकथाम के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम के तहत ये दवाई लोगों को दी जा रही है. वर्ष 2021 तक फाइलेरिया को समाप्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.थ्री ड्रग थेरेपी आइडीए एमडीए प्रोजेक्ट के तहत दवा खिलाये जाने का काम 20 नवंबर तक चलेगा.
इसको लेकर दो आशा की 365 टीम तैयार की गयी है. बता दें कि जिले में 3500 लोग फाइलेरिया की बीमारी से ग्रसित हैं. क्यूलेक्स मच्छर के काटने से फाइलेरिया होता है. यह मच्छर व्यूचेरिया ब्रैंकोफ्टी नामक परजीवी को पीड़ित के शरीर में पहुंचाने का काम करता है. लिम्फ प्रणाली के नुकसान होने से पैरों, हाथों और जननांगों में सूजन आती है.
पैरों में सूजन होने से पीड़ित हाथीपांव से ग्रसित हो जाता है. अंडकोश भी काफी बड़ा हो जाता है. देश में 256 जिले फाइलेरिया से बुरी तरह प्रभावित हैं. 65 करोड़ भारतीयों को इस बीमारी का खतरा है.विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया भर में पाये जाने वाले फाइलेरिया के 40 फीसदी मरीज भारत में हैं. अधिकतर मामले बिना लक्षणों वाले होते हैं.
सभी लोगों को खानी है दवा
राज्य समन्वयक नेगलेकटेड ट्रॉपिकल डिजीज विश्व स्वास्थ्य संगठन के डॉ राजेश कुमार के अनुसार बीमारी के लक्षणों की पहचान लंबे समय में होती है. इसलिए ऐसा कोई नहीं कह सकता कि उसे फाइलेरिया नहीं हो सकता है. दवा के सेवन से फाइलेरिया से मुक्त हुआ जा सकता है. फाइलेरिया के लक्षण नहीं दिखने पर भी इस दवा का सेवन जरूरी है. इसका कोई साइड इफैक्ट नहीं है और यह दवा सभी लोगों को खानी है.
प्रभारी चिकित्सा प्रभारी देंगे रिपोर्ट
डीएम रविशंकर चौधरी ने फाइलेरिया उन्मूलन की दिशा में सभी संबंधित स्वास्थ्यकर्मियों को अपनी सकारात्मक भूमिका निभाने का निर्देश दिया है. दवा खिलाने के काम की मॉनिटरिंग प्रभारी चिकित्सा प्रभारी के जिम्मे है और शाम में इसकी रिपोर्ट देनी है.