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अपने कर्तव्यों के प्रति सजग रहना चाहिए

करपी (अरवल) : प्रखंड क्षेत्र के कुबरी गांव में आयोजित श्री रामकथा यज्ञ के आठवें दिन सुश्री गोदांबा वैष्णवी ने श्रद्धालुओं को अपनी अमृतवाणी का रसपान कराती हुई कही कि भक्ति के मार्ग में जो मनुष्य बाधा बने उसका तुरंत ही त्याग कर देना चाहिए. चाहे वह पिता, पुत्र या पत्नी ही क्यों न हो. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 24, 2019 6:17 AM

करपी (अरवल) : प्रखंड क्षेत्र के कुबरी गांव में आयोजित श्री रामकथा यज्ञ के आठवें दिन सुश्री गोदांबा वैष्णवी ने श्रद्धालुओं को अपनी अमृतवाणी का रसपान कराती हुई कही कि भक्ति के मार्ग में जो मनुष्य बाधा बने उसका तुरंत ही त्याग कर देना चाहिए. चाहे वह पिता, पुत्र या पत्नी ही क्यों न हो.

महिलाओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि यदि किसी स्त्री का पति रोगी, अंधा, बीमार या अपाहिज हो तो पत्नी का यह कर्तव्य बन जाता है कि उसकी सेवा करें तथा उसका साथ कभी न छोड़े, परंतु यदि पत्नी, पुत्र या पिता व्यभिचारी हो, दुराचारी हो तो उसका साथ छोड़ने में पत्नी को कभी हिचकिचाना नहीं चाहिए.
उन्होंने स्त्रियों को सती धर्म की शिक्षा दी और कहा कि स्त्री को पत्नी धर्म का पालन अवश्य करना चाहिए. श्रीराम कथा प्रसंग को आगे बढ़ाते हुए सुश्री वैष्णवी ने कहा कि प्रभु श्री राम छोटे भाई लक्ष्मण ने व पत्नी सीता को साथ लेकर कई ऋषि-मुनियों से शिक्षा प्राप्त करते हैं एवं पंचवटी में अपना निवास स्थान बनाते हैं.
पंचवटी में ही प्रभु सत्संग करते हुए अपना दिन व्यतीत करते हैं. श्री राम, सुग्रीव मित्रता बाली वध की कथा श्री राम हनुमान की भेंट एवं वानरों के द्वारा सीता की खोज में जाना इत्यादि कथाओं का सुंदर श्रवण कर कथावाचिका ने श्रोताओं को आनंद के सागर में गोता लगाने को मजबूर कर दिया. गीत-संगीत के माध्यम से कथा इतनी सरस बनी कि ठंड के बावजूद भी बड़ी संख्या में लोग कथा श्रवण के लिए उपस्थित रहे.

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