अरवल (नगर) : जबरन 18 वर्ष से पहले शादी करना कानूनन जुर्म है. इसमें पकड़े जाने पर सजा हो सकती है. ये बातें अरवल रेड् क्रॉस भवन में आयोजित विधिक जागरूकता शिविर में अपर सत्र न्यायधीश शैलेंद्र कुमार ने कहीं. उन्होंने कहा कि समाजिक परंपरा में लड़का हो या लड़की बालिग होने के पूर्व उनका जबरन शादी किया जाता है, तो न्यायालय दस वर्ष की सजा दे सकती है
प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी रचना राज ने कहा कि समाज में देखने को मिल रहा है कि लड़का-लड़की कम उम्र में ही भाग कर शादी कर ले रहे हैं और बाद में उसके अभिभावक अपहरण का मामला दर्ज कर दे रहा है. इससे समाज में आपसी रंजिस बढ़ती जा रही है. इस पर रोक लगाने की जरूरत है.
सभी लोग कानून के दायरे में रह कर जीवन यापन करें और सुदूर ग्रामीण इलाकों में विधिक जागरूकता पैदा करें. जागरूकता शिविर को प्रभावी डीएम राजकिशोर प्रसाद, एसडीएम सत्येंद्र प्रसाद सिंह, ज्योतिमयी रंजीत कुमार, पियुष कुमार, अधिवक्ता विद्या सागर यादव, अखिलेश कुमार सिंह, शैलेश कुमार सहित कई लोगों ने किया संबोधित किया. शिविर की अध्यक्षता संतोष श्रीवास्तव ने करते हुए कई अहम विंदुओं पर प्रकाश डाला.