वंशी (अरवल) : सिंचाई विभाग की लचर व्यवस्था से परेशान है किसान. रोहिणी नक्षत्र बीत जाने के बाद भी नहरों में नहीं आया पानी. कोचहसा वितरणी पर स्थित गांवों के किसानों की चेहरों पर चिंता की रेखा स्पष्ट देखी जा सकती है.
सिंचाई विभाग मौन साधे हुए हैं. ऐसे में किसानों पर क्या बीतता होगा कहना मुश्किल है. ऊहापोह में पड़े किसानों के द्वारा खेतों में बिचड़े नहीं डाले गये. आसमान में बादलों और सूर्य भगवान के बीच लुकाछिपी का खेल निराले तरीके से होते रहा.
कुछ संभ्रांत किसानों द्वारा बोरिंग से पानी का जुगाड़ कर खेतों में बिचड़े जरूर डाल दिये गये. लेकिन छोटे किसानों के द्वारा खेतों में बिचड़े का खाता तक नहीं खोल पाये. इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि किसानों की हालत कैसी होगी. सिंचाई विभाग की लचर व्यवस्था ने किसानों को तिराहे मोड़ पर ला खड़ा कर दिया है.
प्रतिदिन किसानों का समूह नहरों में झांक कर पानी आने को देखते कहते हैं. लेकिन नहरों के सूखे देख किसानों के चेहरे लाल हो जा रहे हैं. समय पर पर्याप्त वर्षा और नहरों में पानी नहीं आने से किसानों की खेती बारी करने को लेकर परेशान चल रहा है.
बहरहाल किसानों के हित में जल्द-से-जल्द नहरों में पानी छोड़े जाने की मांग सोन नहर संघर्ष समिति के नेता पुण्यदेव सिंह ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों से की है. उन्होंने कहा कि खेती-बारी कहीं पिछड़ न जाये. इसको लेकर किसानों का चेहरा उड़ा हुआ है.