अरवल (नगर) : सात वर्षो तक सत्ता का उपयोग करनेवाले भाजपा कार्यकर्ताओं का चेहरा लाल एवं तनावपूर्ण दिख रहा था. जब भाजपा के राज्य नेतृत्व के आदेश पर विश्वासघात दिवस मनाने के लिए शहर में बंद कराते देखे गये. बंद समर्थकों ने एनएच 98 व 110 को कई घंटों तक सड़क जाम कर दिया.
शहर में व्यवसायियों ने स्वत: दुकान बंद कर दिया. अहले सुबह से ही दूसरी जगहों तक जानेवाली गाड़ियां बंद कर रखी थीं. अरवल-जहानाबाद, पाली-अरवल, अरवल-औरंगाबाद, अरवल- आरा की गाड़ियां पूर्ण रूप से बंद रहीं.
छोटी गाड़ियां जगह-जगह पर चलती दिखायी दी. बंद समर्थकों ने अरवल मोड़ पर सभा करके नीतीश कुमार द्वारा विश्वासघात करने का वक्ताओं ने आरोप लगाते हुए कहा कि जब नीतीश कुमार समता पार्टी के संस्थापक जॉर्ज साहब, दिग्विजय सिंह सहित वैसे लोगों के नहीं हुए, तो भाजपा के साथ कितने दिनों तक साथ निभाते.
वक्ताओं में रामविनय शर्मा, भाजपा अध्यक्ष जयशंकर प्रसाद, राधाकांत शर्मा, पीयूष कुमार, उमेश शर्मा, आनंद चंद्रवंशी, शेषनाग ठाकुर, ज्योतिरंजन, नागेंद्र तिवारी, धर्मेद्र तिवारी, नीरज सिंह सहित कई लोग थे. दूसरी ओर बंद समर्थकों को नगर थानाध्यक्ष शैलेंद्र कुमार ने बस स्टैंड में यात्री बसों के लिए इंतजार करते रहे 32 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया.
* बिहार बंद एवं चक्का जाम को जनता ने नकारा : जदयू
अरवल (ग्रामीण) : जिलाध्यक्ष सुभाष सिंह यादव द्वारा जद(यू) कार्यालय में एक बैठक का आयोजन किया गया. बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि भाजपा द्वारा बिहार बंद एवं चक्का जाम को जनता ने नकार दिया है. उन्होंने कहा कि बिहार के लोग नीतीश कुमार को जनादेश दिया था. जनादेश के विपरीत ही सहयोगी दल काम कर रहा था. नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार आगे बैठा है.
बिहार विकास के पथ पर काफी आगे है. इनके शासन में बिहार की सभी लोग अमन-चैन से रह रहे हैं. बैठक के दौरान उन्होंने बंद को असफल बताया. जिले में बंद का असर काफी कम रहा. सामान्य दिन की तरह बाजार एवं दुकानें खुली रहीं. बड़ी गाड़ी छोड़ छोटी गाड़ी सामान्य दिन की तरह रोड पर चलती रही.
इस मौके पर जितेंद्र शर्मा, जीतन उपाध्याय, शेख परवेज आलम, महादलित जिला अध्यक्ष रंजन रजवार, रफीक आलम सागर सहित कई कार्यकर्ताओं ने भाग लिया. वहीं पूर्व जिला अध्यक्ष जितेंद्र पटेल ने कहा कि 1996 में समता पार्टी और भाजपा का गंठबंधन हुआ था. जिन सिद्घांतों एवं मूल्यों पर हमारा समझौता हुआ था. उसे तार-तार कर दिया गया.
हमारे दल ने अंतिम समय तक गंठबंधन बरकरार रखने का प्रयास किया लेकिन भाजपा द्वारा हमारी पार्टी की बात नहीं मानी गयी. उन्होंने कहा कि जदयू के कार्यकर्ताओं द्वारा नीतीश कुमार के फैसले का स्वागत करते हैं और आगे आनेवाला चुनाव चाहे व लोक सभा हो या विधान सभा उसमें जदयू मुकाबला करने को तैयार है.