महेंदियां : गंडक नदी का कटाव यहां पिछले 10 दिनों से जारी हैं. ऐसी स्थिति में ग्रामीणों का आक्रोश फूटना लाजमी है. 10 दिनों से कटाव रोकने के लिए बाढ़ नियंत्रण विभाग के अभियंता कोई ठोस पहल नहीं कर रहे थे.
जब अखबारों ने मामले को उजागर किया तो आनन- फानन में यहां सोमवार से बचाव कार्य शुरू किया गया. ग्रामीणों का कहना है कि अगर यह बचाव कार्य कटाव आरंभ होने के साथ ही किया गया होता तों शायद यह पूरा गांव तबाह नहीं होता. अपने ही हाथों से अपने अधिसंख्य घरों तो तोड़ चुके हैं. घरों को तोड़ कर परिवार के साथ दर -दर की ठोकर खा रहे हैं.
इन्हें एक अदद पॉलीथिन तक नसीब नहीं हो रहा. बच्चे खाने को तड़प रहे हैं. इनकी पूरी वेदना पर नजर डालें तो इनका आक्रोशित होना स्वाभाविक था. इसका खामियाजा मंगलवार को इन गांव में पहुंचे जल संसाधन विभाग और अंचल प्रशासन को भुगतना पड़ा. पॉलीथिन तक नहीं है कि ये पेड़ के नीचे अपना कुनबा बसा सके.
इनका कोई सुननेवाला भी नहीं है, जिसके कारण आज इनका पारा चढ़ा हुआ था. बाद में डीएम को बुलाने की मांग को लेकर अधिकारियों को आक्रोश का शिकार होना पड़ा.