खुला घोटालों का राज
अरवल (नगर) : जिला पदाधिकारी संजय कुमार सिंह द्वारा स्वास्थ्य विभाग में बरती गयी अनियमितता की जांच वरीय उपसमाहर्ता, जिला कार्यक्रम प्रबंधक व जिला लेखा प्रबंधक द्वारा करायी गयी. जांच प्रतिवेदन में कई बिंदुओं पर अनियमितता पायी है. इसका प्रतिवेदन भी डीएम को भेज दिया गया है. डीएम ने इस बिंदु पर अभी कोई कार्रवाई […]
अरवल (नगर) : जिला पदाधिकारी संजय कुमार सिंह द्वारा स्वास्थ्य विभाग में बरती गयी अनियमितता की जांच वरीय उपसमाहर्ता, जिला कार्यक्रम प्रबंधक व जिला लेखा प्रबंधक द्वारा करायी गयी. जांच प्रतिवेदन में कई बिंदुओं पर अनियमितता पायी है. इसका प्रतिवेदन भी डीएम को भेज दिया गया है.
डीएम ने इस बिंदु पर अभी कोई कार्रवाई नहीं कर पाये हैं. इन सभी बिंदुओं पर संबंधित लोगों से स्पष्टीकरण मांगा है. जांच टीम द्वारा भेजे गये प्रतिवेदन में दरसाया गया है कि तत्कालीन जिला कार्यक्रम प्रबंधक द्वारा बच्चों के स्वास्थ्य जांच में भुगतान संबंधी साक्ष्य नहीं रखना संदेह के दायरे में है. मोबाइल मेडिकल यूनिट में अनियमित भुगतान मोबाइल यूनिट के नियंत्री पदाधिकारी द्वारा किया गया है.
पोषण पुनर्वास केंद्र में अनियमित भुगतान किया गया है. स्वास्थ्य समिति की बैठक में नारी कल्याण संस्थान, पटना को सामान खरीदने के लिए अधिकृत किया गया था. सामान की खरीद हुई लेकिन सभी रसीद जो जमा है वह कच्च वाउचर है. भुगतान में एनआरएचएम के वित्तीय निर्देशों को पालन नहीं किया गया है.
पोषण पुनर्वास केंद्र में जेनेरेटर से बिजली आपूर्ति की बात दरसायी गयी है. और उस पर राशि की निकासी भी की गयी लेकिन जांच प्रतिवेदन ने पाया कि सदर अस्पताल से बिजली आपूर्ति होती रही है. औषधियों के क्रय में अनधिकृत रूप से अग्रिम दिया गया है, जबकि जिला स्वास्थ्य समिति के अनुसार दवा आपूर्ति के बाद चेक या बैंक ड्रॉफ्ट देना है पल्स पोलियो अभियान में फर्जी विपत्रों पर भुगतान किया गया है.
स्वास्थ्य कार्यकर्ता एवं पर्यवेक्षक को बिना दस्तखत किये भुगतान दरसाया गया है. भुगतान में एक ही व्यक्ति का दस्तखत है. जांच के क्रम में इसका कोई कागजात प्रस्तुत नहीं किया गया. एम्स ऑफ विपूल, जहानाबाद द्वारा भी इस घोटाले में संलिप्तता दिखायी दे रही है. यदि इस घोटाले की जांच सूक्ष्म रूप से की जाये, तो कई ओहद्देदार लोगों की जान सांसत में पड़ सकती है.