बिना डिग्री बन बैठे डॉक्टर, करते हैं ऑपरेशन

कलेर (अरवल) : हार्निया पांच हजार, यूटरस निकालने का सात हजार, सिजेरियन प्रसव का छह हजार और नॉर्मल प्रसव का दो हजार रुपया. यह रेट कार्ड है कलेर प्रखंड क्षेत्र में कुकुरमुत्ते की तरह फैले झोला छाप डॉक्टरों का. इन डाक्टरों के यहां मरीजों से रोग के अनुसार ठेका लिया जाता है. इसके लिए बाजाब्ता […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:55 PM

कलेर (अरवल) : हार्निया पांच हजार, यूटरस निकालने का सात हजार, सिजेरियन प्रसव का छह हजार और नॉर्मल प्रसव का दो हजार रुपया. यह रेट कार्ड है कलेर प्रखंड क्षेत्र में कुकुरमुत्ते की तरह फैले झोला छाप डॉक्टरों का. इन डाक्टरों के यहां मरीजों से रोग के अनुसार ठेका लिया जाता है. इसके लिए बाजाब्ता एग्रीमेंट होता हैऔर पेमेंट के टर्म एंड कंडिशन भी निर्धारित होते हैं.

जब जान पर आफत आ बनती है, तो चिंताजनक स्थिति में उन्हें सरकारी अस्पतालों के हवाले कर दिया जाता है. जिला मुख्यालय सहित प्रखंड व गांवों में फैले झोला छाप डॉक्टर मरीजों के जान के साथ सौदा कर रहे हैं. स्वस्थ महिलाओं को कैंसर का भय दिखा बच्चेदानी निकालना उनके लिए चुटकी भर का काम है. हल्का पेट दर्द का मतलब उनकी नजरों में अपेंडिक्स होता है.

बलिदाद के एक डॉक्टर के यहां ऑपरेशन करा चुकी धर्मावती देवी कहती हैं कि सात हजार में बच्चेदानी का ऑपरेशन हुआ. उसमें तीन दिन का दवा और बेड चार्ज भी शामिल था. ऑपरेशन के समय साढ़े तीन हजार रुपया जमा कराया गया था. अब उनका सारा पैसा चुकता कर दिया गया है.

कलेर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के समीप भी एक दो डॉक्टरों के यहां भी ऑपरेशन के लिए लंबी कतार लगी रहती है. वे खुद सर्जन और एनेस्थिस्ट का रोल निभाते हैं. खून की व्यवस्था भी यहां हो जाती है. स्थानीय निवासी अंजनी कुमार, मो इम्तेयाज खान, अनूप कुमार और बलिंद्र सिंह आदि की मानें तो हफ्ते में दो-तीन दिन पीएचसी में आनेवाले डॉक्टर भी उनके यहां उठते बैठते हैं.

एक चिकित्सक ने अपने क्लिनिक को अस्पताल का रूप तक दे दिया है. इस बारे में पूछे जाने पर सीएस डॉ विजय कुमार सिंह ने बताया कि झोला छाप चिकित्सकों के विरुद्ध उन्हें चिह्न्ति कर कानूनी कार्रवाई की जायेगी.

Next Article

Exit mobile version