आगानूर बाजार में अवैध शराब की बिक्री जोरों पर
कलेर (अरवल) : सरकार अवैध शराब की बिक्री पर रोक लगाने को लेकर काफी प्रयत्नशील दिखती है, लेकिन कलेर प्रखंड का आगानुर अवैध शराब का बाजार बन गया है. आगानूर अरवल एवं औरंगाबाद जिले के सीमा पर अवस्थित है, जिसको लेकर दोनों जिले के लोगों का आना-जाना बराबर लगा रहता है. यही कारण है कि […]
कलेर (अरवल) : सरकार अवैध शराब की बिक्री पर रोक लगाने को लेकर काफी प्रयत्नशील दिखती है, लेकिन कलेर प्रखंड का आगानुर अवैध शराब का बाजार बन गया है. आगानूर अरवल एवं औरंगाबाद जिले के सीमा पर अवस्थित है, जिसको लेकर दोनों जिले के लोगों का आना-जाना बराबर लगा रहता है.
यही कारण है कि वर्षो पूर्व से आज तक कलेर प्रखंड का एक सुखी-संपन्न बाजार में शुमार किया जाता है. इस जगह पर व्यवसाय करनेवाले लोग काफी आगे बढ़ते हैं, लेकिन विगत कुछ वर्ष से इस बाजार की पहचान एक अवैध शराब बाजार के रूप में हो चुकी है. आगानुर बाजार के कई जगहों पर अवैध शराब की बिक्री होती है, जिसको शायद स्थानीय प्रशासन भी जानती होगी. अवैध शराब व्यवसाय का आलम यह है कि दिन में तो लोगों का आना-जाना इन जगहों पर कम होता है, लेकिन जैसे ही शाम होती है शराब के रंग में रंग जाता है आगानूर. अवैध शराब का आलम यह है कि यहां सभी तरह के अवैध शराब की बिक्री होती है.
सबसे ज्यादा महुआ से बने शराब की. इसके बाद दो नंबर की पोलोथिन भी यहां पर धड़ल्ले से होता है. अवैध शराब की बिक्री को लेकर कई बार महिलाएं झाड़ लेकर पर प्रदर्शन भी की थीं. प्रदर्शन का परिणाम यह दिखता था कि कुछ समय के लिए बिक्री बंद हो जाती, लेकिन समय बीतने के साथ पुन: शराब की बिक्री शुरू हो जाती है.
अवैध शराब की बिक्री के चलते शाम में सड़क पर चलना मुश्किल हो जाता है, खास कर महिलाओं को. अवैध शराब की बिक्री करनेवाले कितने हिम्मती होते हैं, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वे खुले रूप में शराब की बिक्री करते हैं और विरोध करनेवालों के साथ सीधी झड़प भी. स्थानीय लोग अवैध शराब की बिक्री के लिए सीधे तौर पर स्थानीय पुलिस को जिम्मेवार मानती है. लोगों के अनुसार अवैध शराब की बिक्री कराने में स्थानीय पुलिस को एक मोटी रकम की प्राप्ति होती है. यही कारण है कि अवैध शराब का धंधा काफी जोरों से फ ल-फूल रहा है.