* छात्र–छात्राओं के नामांकन व उपस्थिति का अनुपात देख हुए भौंचक
अरवल (सदर) : शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव सत्य नारायण ने दूसरे दिन भी विद्यालयों के निरीक्षण करने का काम जारी रखते हुए सदर प्रखंड के राजकीय मध्य विद्यालय, बैदराबाद, मुरादपुर हुजरा, वलिदाद, मड़ैला पर सहित कई विद्यालयों का निरीक्षण किया.
निरीक्षण के क्रम में एमडीएम प्रभारी सह डीपीओ जगतपति चौधरी, परशुराम सिंह, जय बनर्जी, गुणवता शिक्षा के उपेंद्र कुमार सहित अन्य पदाधिकारी साथ थे. संयुक्त सचिव ने बैदराबाद मध्य विद्यालय में पहुंचने के बाद प्रधानाध्यापक के कक्ष में बैठक छात्र–छात्राओं की उपस्थिति पंजी, शिक्षकों के उपस्थिति पंजी, शैक्षिक सामग्री, शैक्षिक गतिविधि, सामुदायिक भागीदारी विद्यालय के आधारभूत संरचना एवं कक्षवार नामांकित छात्र की उपस्थित पर गहन समीक्षा की.
समीक्षा के क्रम में वर्ग एक से आठ वर्ग के नामांकन एवं उपस्थित के प्रतिशत को देख कर पदाधिकारी भौंचक हो गये. 21 शिक्षकों में आठ शिक्षक गैरहारिज पाये गये. इस पर संयुक्त सचिव ने प्रधानाध्यापक एवं शिक्षकों को हिदायत देते हुए कहा कि शिक्षक अपने कर्तव्य के प्रति सजग रहे. नहीं तो विभाग द्वारा कार्रवाई की जायेगा, क्योंकि बच्चों का भविष्य शिक्षकों पर है. बहुत आशा और विश्वास के साथ गरीब बच्चे सरकारी विद्यालय आते हैं.
* खिचड़ी–चोखा का स्वाद चखा
संयुक्त सचिव सत्यनारायण, एमडीएम प्रभारी सह डीपीओ जगतपति चौधरी, परशुराम सिंह, जयबनर्जी ने विद्यालय में छात्रों के लिए बना भोजन खिचड़ी– चोखा खाया और रसोईया को आवश्यक निर्देश देते हुए कहा कि साफ–सफाई के साथ भोजन बना कर बच्चो को दें. बनाने के बाद पहले खुद पहले खाये, तब बच्चों को खिलाये. हालांकि संयुक्त सचिव ने रसोईया के कार्यो की सराहना की.
* असंतोष जताया
संयुक्त सचिव ने कहा कि बच्चों को गुणवतापूर्ण शिक्षा मिले. समय से पाठ्यपुस्तक एवं अन्य योजना के लाभ विद्यालयों तक पहुंचे. इसके लिए बीआरसी और सीआरसी का गठन किया गया है. लेकिन ये लोग अपने कर्तव्य के प्रति सजग नहीं है. विद्यालयों में ऐसी शिकायत सभी जगह मिल रही है.
* कर्तव्य की जानकारी का अभाव दिखा
निरीक्षण के क्रम में संयुक्त सचिव ने मंत्री मंडी (बाल संसद) के गठन के रजिस्टर के गहन से जांच किये और प्रधानमंत्री, उप प्रधानमंत्री शिक्षा मंत्री, उपशिक्षा मंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, बागबानी मंत्री, प्रसारण मंत्री सहित अन्य मंत्री के पद पर नियुक्त छात्र/छात्राओं को जब बुला कर पूछा गया कि बाल संसद की बैठक होती है. स्कूल की समस्या पर चर्चा करते हैं, तो बच्चे सही से जवाब नहीं दिये. संयुक्त सचिव ने प्रधानाध्यापक और शिक्षक को खानापूर्ति से बचने की सलाह देते हुए कहा कि बाल संसद का नियमित बैठक कराएं.