नरसंहार के बाद ही अरवल बना था जिला

अरवल (नगर). 25 जनवरी 1999 के पहले अरवल जहानाबाद जिले का हिस्सा था. उस समय अनुमंडल हुआ करता था. शंकर विगहा नरसंहार में मारे गये 22 गरीब परिवारों एवं आधा दर्जन लोगों के घायल होने के बाद मातमपूसीं करने के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री श्रीमती राबड़ी देवी एवं अन्य नेता आये थे. इसके बाद 20 अगस्त, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 14, 2015 7:36 AM

अरवल (नगर). 25 जनवरी 1999 के पहले अरवल जहानाबाद जिले का हिस्सा था. उस समय अनुमंडल हुआ करता था. शंकर विगहा नरसंहार में मारे गये 22 गरीब परिवारों एवं आधा दर्जन लोगों के घायल होने के बाद मातमपूसीं करने के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री श्रीमती राबड़ी देवी एवं अन्य नेता आये थे.

इसके बाद 20 अगस्त, 2001 में अरवल को जिले का दर्जा दिया गया था. अरवल को जिले का दर्जा मिलने के बाद घटना में मारे गये नरसंहार पीड़ित परिवारों में आस जगी थी कि यहां अपने डीएम व एसपी होंगे, तो न्याय मिलेगा. गांव की विकास होगा, पर 16 वर्षो के बाद निराशा ही हाथ लगी.

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