जिले की शान लारी औषधालय वर्षो से है बंद

अवलेह, भस्म चूर्ण, अरिष्ट जैसी आयुर्वेदिक औषधियों का होता था निर्माण कुर्था (अरवल) : जिले के कुर्था प्रखंड के लारी गांव स्थित दांत्व्य आयुर्वेदिक औषधालय संसाधन व देखरेख के अभाव में वर्षो से बंद है. यह औषधालय जिला पर्षद के द्वारा संचालित होता था. इससे कभी अरवल, जहानाबाद व गया जिले के सैकड़ों गांवों के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 20, 2015 1:18 AM
अवलेह, भस्म चूर्ण, अरिष्ट जैसी आयुर्वेदिक औषधियों का होता था निर्माण
कुर्था (अरवल) : जिले के कुर्था प्रखंड के लारी गांव स्थित दांत्व्य आयुर्वेदिक औषधालय संसाधन व देखरेख के अभाव में वर्षो से बंद है. यह औषधालय जिला पर्षद के द्वारा संचालित होता था. इससे कभी अरवल, जहानाबाद व गया जिले के सैकड़ों गांवों के लोग लाभान्वित होते थे. पूर्व में यह औषधालय गांव के ही उदय राज जी के मकान में संचालित होता था.
यहां सरकार की ओर से एक वैद्य और कर्मचारी की भी नियुक्ति की गयी थी. इसके सारे खर्च का जिम्मा जिला पर्षद की ओर से किया जाता था. मरीजों को यह दांत्व्य (नि:शुल्क) सेवा प्रदान करता था, इसलिए इसका नाम दांत्व्य आयुर्वेदिक औषधालय रखा गया था. लोगों का मानना था कि चिकित्सालय में पदस्थापित डॉ प्रमोद शरण का नाड़ी ज्ञान व औषधियों की पहचान बहुत ही उच्च स्तर का था.
इस कारण बहुत ही दूर-दूर से लोग मरीजों को लेकर इस औषधालय में पहुंचते थे और यहां से चंगा होकर जाते थे. औषधालय में मरीजों के इलाज के साथ ही आयुर्वेदिक औषधी का निर्माण भी किया जाता था, जिसमें अवलेह, भष्म चूर्ण, अरिष्ट सहित कई प्रकार की अन्य औषधियां भी शामिल हैं. परंतु आज संसाधन व समुचित देखभाल के अभाव में बंद है. वैद्य भी सेवानिवृत्त हो चुके हैं तथा एकमात्र कर्मचारी के रूप में कार्यरत राम सिंहासन शर्मा हैं, जिन्हें वेतन भी लगभग दो-दो साल पर मिलता है. जिनके मकान में यह औषधालय चलाया जा रहा था, उन्हें भी कई वर्षो से किराया नहीं मिल रहा है. इन्हीं सब कारणों से लगभग 10 सालों से यह औषधालय बंद पड़ा है. अरवल जिला पर्षद के गठन के वर्षो बाद भी उक्त अस्पताल पर ध्यान नहीं दिया गया.

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