मॉनसून की दस्तक से खिले चेहरे, पर बीज के लिए परेशान
किसान सलाहकारों की हड़ताल से नहीं मिल रहा अनुदानित बीज कुर्था (अरवल) : लगातार आसमान से हो रही आग की बारिश व ऊमस भरी गरमी से लोग त्रहिमाम कर रहे थे. रोहिणी नक्षत्र की समाप्ति के बाद भी खेतों में धान के बिचड़े नहीं पड़ने से किसानों की बेचैनी बढ़ी हुई थी. वे सुखाड़ की […]
किसान सलाहकारों की हड़ताल से नहीं मिल रहा अनुदानित बीज
कुर्था (अरवल) : लगातार आसमान से हो रही आग की बारिश व ऊमस भरी गरमी से लोग त्रहिमाम कर रहे थे. रोहिणी नक्षत्र की समाप्ति के बाद भी खेतों में धान के बिचड़े नहीं पड़ने से किसानों की बेचैनी बढ़ी हुई थी.
वे सुखाड़ की आशंका से भयभीत थे. ऐसे में करूअहट नक्षत्र के तीन दिन गुजर जाने के बाद शुक्रवार को अचानक हुई बारिश से किसानों के चेहरे खिल उठे और खेतों में धान के बिचड़े डालने की तैयारी में जोर-शोर से जुट गये, लेकिन किसान सलाहकारों की हड़ताल की वजह से उन्हें राज्य सरकार द्वारा अनुदानित दर पर बिचड़े के लिए मिलनेवाले धान उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं, जिससे वे मायूस हैं. किसान इस नक्षत्र में हर हाल में खेतों में बिचड़ा डालने को तैयार हैं. उनका कहना है कि इस नक्षत्र के बाद डाले गये बिचड़े से पैदावार कम जाती है. इसलिए ऊंचे दाम पर वे बाजारों से धान के बीज की खरीदारी कर रहे हैं.
इधर, मॉनसून की दस्तक के साथ ही प्रखंड क्षेत्र के कुर्था, मानिकपुर, मोतेपुर समेत विभिन्न बाजारों में स्थित बीज भंडारों में एक से बढ़ कर एक धान के बीजों से दुकानें सजी हुई हैं. धान के बीजों की खरीदारी के लिए किसानों की भीड़ बीज भंडारों पर लगी रहती है.
प्रखंड में भूमि व किसानों की स्थिति : सरकारी आंकड़ों पर गौर करें, तो प्रखंड क्षेत्र का कुल रकबा 8275.032 हेक्टेयर है. इसमें कृषि योग्य भूमि 4871 हेक्टेयर व सिंचित भूमि 1230 हेक्टेयर है.
इसमें मध्यमवर्गीय किसान 949, सीमांत किसान 3071 व लघु किसान 851 हैं. हालांकि सीमांत किसान (बड़े किसान) तो किसी तरह धान के बीज बाजारों से खरीद ले रहे हैं, लेकिन मध्यवर्गीय किसान व लघु किसानों को सरकार द्वारा अनुदानित दर पर धान के बीज नहीं मिलने से काफी परेशान हैं.