आर्थिक संकट से जूझ रहे किसान

अरवल (ग्रामीण) : आलू उत्पादक किसानों को अपने घरों में भंडारण करना महंगा साबित हो रहा है. व्यापक पैमाने पर आलू के सड़ने से किसानों को आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. जिले क्षेत्र में एक भी कोल्ड स्टोर नहीं होने के कारण सुरक्षित भंडारण किसानों के लिए एक बड़ी समस्या है. किसान […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 29, 2015 8:09 AM
अरवल (ग्रामीण) : आलू उत्पादक किसानों को अपने घरों में भंडारण करना महंगा साबित हो रहा है. व्यापक पैमाने पर आलू के सड़ने से किसानों को आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. जिले क्षेत्र में एक भी कोल्ड स्टोर नहीं होने के कारण सुरक्षित भंडारण किसानों के लिए एक बड़ी समस्या है.
किसान कोल्ड स्टोर के अभाव में औने-पौने दामों पर अपने आलू बेचने को मजबूर हैं. मालूम हो कि जिले क्षेत्र में सोन तटीय इलाके में व्यावसायिक तौर पर आलू की खेती की जाती है.
इस क्षेत्र के उत्पादित आलू स्थानीय बाजारों के माध्यम से राज्य के अन्य जिलों में भी सप्लाइ होता है, लेकिन इस वर्ष आलू की खेती करना किसानों के लिए महंगा साबित हो रहा है. बोआई के वक्त किसानों ने तीन हजार से 3500 रुपये क्विंटल की दर से आलू की खरीद कर खेतों में लगाया था, लेकिन उत्पादन के बाद उन्हें अपने आलू 250 रुपये से 300 रुपये की दर से बेचनी पड़ी. उचित भाव न मिलने के कारण घरों में भंडारण करना भी काफी मुश्किल है.
कोल्ड स्टोर के अभाव में वे अपने उत्पादित आलू का सुरक्षित भंडारण भी नहीं कर सकते, नतीजा उनके आलू भारी मात्र में सड़ कर बरबाद हो रहे हैं, जिससे उन्हें व्यापक रूप से आर्थिक क्षति पहुंच रही है. नतीजा किसान औने-पौने दामों पर व्यापारियों के हाथों बेचने को विवश हैं.

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