भुखमरी ङोल रही पांच बच्चियों के साथ विधवा

कुर्था (अरवल) : थाना क्षेत्र के मानिकपुर बाजार निवासी मुमताज आलम की हत्या छह अगस्त, 2014 को सोये अवस्था में कर दी गयी थी. इसके बाद मुमताज की पांच छोटी-छोटी बच्चियों के भरण पोषण की जिम्मेवारी पत्नी मुमताज के कंधे पर आ गयी. पति की मृत्यु से आहत मुश्तरी खातून किसी तरह से अपनी बच्चियों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 6, 2015 8:12 AM
कुर्था (अरवल) : थाना क्षेत्र के मानिकपुर बाजार निवासी मुमताज आलम की हत्या छह अगस्त, 2014 को सोये अवस्था में कर दी गयी थी. इसके बाद मुमताज की पांच छोटी-छोटी बच्चियों के भरण पोषण की जिम्मेवारी पत्नी मुमताज के कंधे पर आ गयी. पति की मृत्यु से आहत मुश्तरी खातून किसी तरह से अपनी बच्चियों का पेट पाल रही है. सिर छुपाने को बस सरकार द्वारा उसे एक इंदिरा आवास दिया गया, जिसमें वह अपनी बच्चियों के साथ रहती है. मुश्तरी के पास किसी तरह के कोई कमाई का जरिया नहीं है, न ही उसके पास कोई पैतृक संपत्ति है.
उसे सरकार प्रदत्त किसी तरह का अन्य लाभ नहीं मिल रहा है. बीपीएल में नाम होते हुए भी राशन तक नहीं मिल पाता है. ऐसी स्थिति में स्थानीय अधिकारियों व पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा उसकी सुधि नहीं लिये जाने से उसके समक्ष भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो आयी है. हालांकि उसके पति की हत्या के समय ग्रामीणों ने काफी आक्रोश जताया था. उस समय मुश्तरी को इंदिरा आवास उपलब्ध कराया गया था तथा अन्य लाभ भी दिलाने का स्थानीय अधिकारियों ने आश्वासन भी दिया था, लेकिन इस दिशा में आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई, नतीजा मुश्तरी खातून फिलहाल मिले आश्वासन से ही पेट भर रही है.
हत्या पर ग्रामीणों ने किया था सड़क जाम : मुमताज की हत्या के बाद आक्रोशित मानिकपुर बाजारवासियों ने कुर्था-गया मुख्य मार्ग पर शव रख कर घंटों जाम रखा था तथा बाजार बंद करा दिया था. उस समय स्थानीय अधिकारियों ने तरह-तरह का आश्वासन दिया, परंतु पीड़िता को आज तक कोई सहयोग नहीं मिला. वहीं, पुलिस भी आज तक हत्या में शामिल अपराधियों की पहचान नहीं कर सकी, जिससे कि पीड़िता को न्याय मिल सके.
पीड़िता को सहयोग करे सरकार : मानिकपुर बाजार निवासी सह लोजपा प्रखंड अध्यक्ष जयप्रकाश पासवान, राजद अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष जमालुद्दिन अंसारी, कुर्था प्रखंड प्रमुख सह भाजपा नेता अमरेंद्र सिंह ने विधवा मुश्तरी के जीवन यापन के लिए सरकार से सहयोग की मांग की है. नेताओं ने कहा कि जब मुमताज की मौत को पुलिस नक्सली वारदात मान रही है, तो ऐसी स्थिति में नियम के अनुरूप विधवा को सरकारी नौकरी मिलनी चाहिए.
नहीं मिल रहा है सरकारी लाभ
इंदिरा आवास को छोड़ दिया जाये, तो विधवा मुश्तरी को सरकार प्रदत्त कोई भी लाभ नहीं मिल रहा है. भुखमरी का जीवन बीता रही पीड़िता को अब तक विधवा पेंशन का भी लाभ नहीं दिया गया है.
उसके पास बीपीएल कार्ड तो है, परंतु राशन व केरोसिन से वंचित है. इसके लिए पंचायत प्रतिनिधि भी तत्पर नहीं हैं. हालांकि मुश्तरी अपने व बच्चों की दयनीय स्थिति से पंचायत प्रतिनिधियों व स्थानीय अधिकारियों को अवगत कराते हुए वह कई बार दो जून की रोटी की व्यवस्था कराने की गुहार लगायी, परंतु इस दिशा में किसी ने नहीं सुनी.
पति की हो चुकी है हत्या
6 अगस्त, 14 को मानिकपुर बाजार निवासी मुमताज आलम की हत्या कर दी गयी थी. जिसकी प्राथमिकी मानिकपुर ओपी में कांड सं 125/014 के तहत दर्ज की गयी थी. हालांकि पुलिस ने इसे उग्रवादी घटना करार दिया था.
मुंबई में करता था काम
मुमताज मुंबई में निजी कंपनी में काम करता था तथा हत्या के कुछ ही दिन पूर्व अपने घर मानिकपुर आया था. मुमताज के भेजे पैसे से ही घर का चूल्हा जलता था तथा पत्नी और बच्चों का भरण-पोषण होता था. परंतु उसकी हत्या से पूरा परिवार ही टूट गया है.

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