आलू की बुआई करने में जुटे किसान
आलू की बुआई करने में जुटे किसान कुर्था (अरवल) : प्रखंड क्षेत्र में इन दिनों आलू की बुआई का काम तेजी से जारी है. प्रखंड के कई क्षेत्रों में आलू की खेती की जाती है. चूकि दिसंबर माह में ठंड बढ़ने से विलंब से बोये गये आलू में पाला मारने का आशंका रहती है, जिसके […]
आलू की बुआई करने में जुटे किसान कुर्था
(अरवल) : प्रखंड क्षेत्र में इन दिनों आलू की बुआई का काम तेजी से जारी है. प्रखंड के कई क्षेत्रों में आलू की खेती की जाती है. चूकि दिसंबर माह में ठंड बढ़ने से विलंब से बोये गये आलू में पाला मारने का आशंका रहती है, जिसके कारण किसान अक्तूबर में ही बुआई का कार्य शुरू कर देते हैं. आलू उत्पादक किसान की मानें तो कुफरी प्रजाति की आलू की बुआई से बेहतर उत्पादन किया जा सकता है. इसके लिए यूपी के कानपुर सहित अन्य जिलों से बीज मंगाया जाता है.
हालांकि क्षेत्र में कोल्ड स्टोरेज की कमी से किसानों को उत्पादन का उचित मूल्य नहीं मिल पाता है. इस बावत प्रखंड कृषि पदाधिकारी देवानंद कुमार ने बताया कि आलू की बुआई के वक्त ध्यान रखना चाहिए कि लाइन से लाइन की दूरी 40 से 50 सेमी व पौधे से पौधे की दूरी 15 से 20 सेमी होनी चाहिए. जबकि बीज 8 से 10 सेमी गहराई में रखनी चाहिए.
आलू को झुलसा रोग से बचाने के लिए बीज को बोरिक एसिड से उपचारित कर ही लगाना चाहिए. समय से बुआई, संतुलित उर्वरकों का उपयोग तथा रोग कीटों पर नियंत्रण कर बेहतर उत्पादन संभव है. जो किसान कोल्ड स्टोरेज से बीज निकालते हैं, वो तुरंत बुआई न करें. करीब एक सप्ताह बाद ही वह अच्छा बीज निकालने योग्य होगा.अगर कटुवा विधी से बुआई करते हैं तो हर टुकड़े में कम से कम दो आंखें होनी चाहिए .