करपी (अरवल) : तीन ओर से पटना जिले से घिरा प्रखंड क्षेत्र के अइयारा पंचायत को आजादी के दशकों बीत जाने के बाद भी लोगों को गांव से कहीं जाने के लिए पानी का सामना करना पड़ता है. साल के कुछ माह छोड़ दिये जाएं तो शेष माह लोग नाले को पार कर ही आते जाते हैं. हालांकि ग्रामीण आपसी सहयोग से नाले पर बांस की चचरी का निर्माण कर कुछ दिनों के लिए समस्या का हल जरूर निकाल लिया है.
बताते चलें कि प्रखंड मुख्यालय से इस गांव की दूरी महज 9 किलोमीटर होगी. इस गांव का तीन ओर पटना जिले में तो एक ओर अरवल जिले में पड़ता है. इस गांव के चारों ओर तक थे गांव तक अवागमन की सुविधा है लेकिन इस गांव के लोग पुलिया नहीं रहने के कारण परेशान रहते हैं. विदित हो कि बीते वर्ष दिसंबर में इस गांव से महज कुछ ही दूरी पर पटना जिले के ब्रह्मपुरा गांव के निकट नाले पर उस समय मुंगिला गांव के चार मछआरों की गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी.
यदि पुलिया का निर्माण हो जाता तो अरवल एवं पटना जिले के पुलिस प्रशासन को गश्त करने में भी सुविधा होती. अब इस गांव की जनता दो जिलों के सियासत के जाल में फंसकर रह गयी है. पुल नहीं रहने के कारण आमजनों के साथ-साथ सबसे ज्यादा कठिनाईयों का सामना महिलाओं एवं स्कूली छात्र छात्राओं को उठाना पड़ता है. क्योंकि इस गांव के लोगों का मुख्य बाजार इमामगंज पड़ता है. इसके बावजूद भी किसी जन प्रतिनिधि का ध्यान इस ओर नहीं जा रहा है.
ग्रामीण निरा सिंह ने बताया कि स्थानीय विधायक के साथ -साथ पालीगंज विधायक एवं दोनों जिले के स्थानीय सांसद से नाले पर पुल बनाने का आग्रह किया गया. लेकिन सिवाय आश्वासन के कुछ न मिला.