रबी फसल के बीज खरीदने में छूट रहे पसीनेकरपी
(अरवल) : एक ओर सरकार किसानों के हितों की बड़ी बातें करती है. किसानों को खुशहाल बनाने के लिए कृषि रोड मैप बनाकर किसानों के हितों के लिए योजनाएं चला रही है. डीजल अनुदान, बीज अनुदान समेत अन्य विभिन्न प्रकार की योजनाएं चलाकर करोड़ो रुपये पानी की तरह बहा रही है.फिर भी अन्य किसानों को आलू मसूर, चना, सरसों समेत अन्य रबी की फसल के बीज खरीदने में पसीने छूट रहे हैं.
किसान विनय शर्मा समेत अन्य किसानों ने बताया कि बीज बाजारों में पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष दोगुनी दामों में बिक रही है. किसान लाचार है . समय पर अगर खेत में बीज नहीं डालेंगे तो किसान का घर खर्च का बोझ काफी बढ़ जायेगा. किसानों का कहना है कि सरकार की घोषणा केवल कागज के पन्नों पर होती है.
बीज डालने का समय बीत रहा है और अभी तक सरकार द्वारा किसानों को बीज उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है. जब समय बीत जाता है तो बीज प्रखंड में पहुंचता है . सुदूर इलाके के किसानों को आज भी डीजल अनुदान की राशि नहीं मिल पायी है. जबकि इस संबंध में जिला पदाधिकारी ने 30 अक्तूबर तक डीजल अनुदान की राशि देने का निर्देश कृषि विभाग के पदाधिकरियों को दिया था.
सरकार द्वारा अनुदान की राशि नहीं मिलने तथा रबी फसलों का बीज वितरण नहीं किये जाने से किसान मायूष है . रालोसपा के संगठन सचिव पप्पू वर्मा ने रबी फसलों के बीज एवं डीजल अनुदान शीघ्र वितरण कराने की मांग की है.