अरवल (ग्रामीण) : भगवान भास्कर का चार दिवसीय पावन छठ पर्व रविवार को नहाय-खाय से शुरू हो जायेगा. छठ पर्व को लेकर महिलाएं चावल, दाल गेहूं की साफ-सफाई एवं धोने के कार्य में जुट गयी हैं. इस दौरान छठी भइया के गीत से टोले में छठी मइया के गीत गूंजने लगे हैं. महिलाएं स्थानीय सोन नदी में गेहूं धोकर सुखाने में जुट गयी हैं.
छठ पर्व में उपयोग के सभी बरतन समेत अन्य सामान को धोया जा रहा है़ ग्रामीण स्तर पर गठित छठपूजा कमेटी के सदस्यों द्वारा घाट पर जाने तक के रास्ता एवं घाटों की सफाई युद्ध स्तर पर शुरू कर दी गयी है.
इधर नगर पर्षद के सौजन्य से नगर पर्षद क्षेत्र के घाटों की सफाई को कार्य युद्ध स्तर पर शुरू कर दिया गया है. स्थानीय शहर के जनकपुर धाम स्थित सूर्य मंदिर परिसर के अलावे सोन नदी में जाने के रास्ते तथा घाटों पर उबड़-खाबड़ भूमि को जेसीबी द्वारा समतल करने का कार्य जारी है.
दूसरी ओर जनकरपुर धाम स्थित सोननदी के घाट पर छठ उपासकों द्वारा घाट पर कड़ी गाड़ कर जगह पर अपना कब्जा जमाया जा रहा है. पर्षद क्षेत्र के अहियापुर समीप बांध पर सोन नदी के घाट पर गहरे पानी के कारण खतरे से निबटने के लिए रेड लाइन के लिए प्रतीक गाड़ने एवं बैरिकेडिंग करने का डीएम ने निर्देश दिया है.
ग्राम कमेटी, फखरपुर के सदस्यों द्वारा नहर के घाटों को आकर्षक ढंग से सजाने के लिए निर्णय लिये गये हैं. भदासी में अवस्थित भगवन भास्कर के मंदिर का रंग-रोगन का कार्य लगभग पूरा कर लिया गया है.
वहीं तालाब के घाटों की सफाई कोटी की देख-रेख में की जा रही है. दूसरी ओर इस वर्ष मुख्य नहर में पानी कम रहने के कारण उपासकों में चिंता व्याप्त है. पानी बंद रहने से कहीं-कहीं पानी की मात्रा नहीं के बराबर है. इस संबंध में जल संसाधन विभाग के एसडीओ अमरेंद्र कुमार से संपर्क करने पर बताया कि स्पेशल छठ पर्व के अवसर पर पानी की मांग की गयी है.