अब नदियों के किनारे भी बनाये जा रहे मकान
जहानाबाद(सदर) : शहर में नदियों के संरक्षण को लेकर प्रशासन लापरवाह बना हुआ है. यहां रोज नदी के दोनों किनारे पर अवैध कब्जे का खुला खेल चल रहा है. यहां बहने वाली दरधा-यमुने नदी की ताजा सूरत-ए-हाल ऐसी है कि लगातार सिमटती चौड़ाई के चलते यह कैनाल या एक बड़े नाले की तरह दिखती है. […]
जहानाबाद(सदर) : शहर में नदियों के संरक्षण को लेकर प्रशासन लापरवाह बना हुआ है. यहां रोज नदी के दोनों किनारे पर अवैध कब्जे का खुला खेल चल रहा है. यहां बहने वाली दरधा-यमुने नदी की ताजा सूरत-ए-हाल ऐसी है कि लगातार सिमटती चौड़ाई के चलते यह कैनाल या एक बड़े नाले की तरह दिखती है.
झलास-मेघरिया से लेकर जाफरगंज-एरोड्रम तक नदी के तट पर बड़े-बड़े मकान बेरोकटोक बनाये जा रहे हैं. खासकर श्मशान से पूर्व संगम से वीटी स्कूल के इलाके में कई जगहों पर बीते कुछ दिन तक जो कच्ची संरचनाएं बनी थीं,उन्हें भी बेरोकटोक पक्का निर्माण का शक्ल दिया जा रहा है.
नदियों के प्रदूषण की बात करें तो इसमें बड़े पैमाने पर गिरने वाली नालियों के कारण इसका पानी दुर्गंधमय और किनारे कचरे से पटे हैं. अंचल कर्मचारी सुखदेव प्रसाद ने नदियों के अतिक्रमण के बाबत सीओ को एक रिपोर्ट सौंपी थी. जिसमें नदियों को संरक्षित करने के लिए अविलंब मापी कराने की ताकीद की गयी थी.