खुले में शौच को यात्री विवश

कुर्था (अरवल) : 1994 में कुर्था बस स्टैंड की स्थापना हुई थी. यहां से काफी संख्या में यात्रियों का प्रतिदिन आना-जाना होता है . इससे सरकार द्वारा सलाना लाखों रुपये का राजस्व वसूली की जाती है, लेकिन यहां यात्री सुविधाएं बिलकुल नगण्य है. स्टैंड परिसर में उपलब्ध शौचालय जर्जर अवस्था में है तथा गंदगी का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 8, 2015 3:53 AM

कुर्था (अरवल) : 1994 में कुर्था बस स्टैंड की स्थापना हुई थी. यहां से काफी संख्या में यात्रियों का प्रतिदिन आना-जाना होता है . इससे सरकार द्वारा सलाना लाखों रुपये का राजस्व वसूली की जाती है, लेकिन यहां यात्री सुविधाएं बिलकुल नगण्य है. स्टैंड परिसर में उपलब्ध शौचालय जर्जर अवस्था में है तथा गंदगी का अंबार है.

लोगों को शौचालय का इस्तेमाल करना, तो दूर गंध के कारण आसपास से गुजरना भी मुश्किल है. आवश्यकता पड़ने पर यात्री खेतों की ओर रूख करते हैं. महिला यात्रियों के लिए यह और भी मुश्किल होता है.दिन के उजाले में खुले में शौच की बाध्य होती है, जबकि सरकार स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत के तहत खुले में शौच के खिलाफ अभियान चला रही है. लेकिन यहां महिला व पुरूष यात्री खुले में शौच को विवश है स्टैण्ड में पेयजल की कोई समुचित व्यवस्था नहीं है.

परिसर में लगे चापाकल की स्थिति वस्तु ही दयनीय है. साथ ही यात्रियों की समुचित व्यवस्था की भी सुविधा नहीं है. देर रात पहुंचने वाले यात्री असुरक्षा के बीच खौफ के साये में समय गुजारते हैं. विभागीय पदाधिकारी द्वारा नीलामी प्रक्रिया को पूरी कर अपने कर्तव्यों का अंत मान लिया जाता है. समस्याओं पर ध्यान देना अपनी जिम्मेवारी नहीं समझते हैं. जबकि इस वर्ष जानकारी के अनुसार इस वर्ष चार लाख 70 हजार रूपये में बस स्टैंड की नीलामी हुई है. वहीं संवेदक द्वारा पांच लाख पचास हजार रुपये यात्री वाहनों से वसूली का लक्ष्य रखा गया है

इस वावत हम कह सकते हैं कि शौचालय की स्थिति जर्जर है . पेयजल की समस्या है सुरक्षा की कमी है अधिकारियों की लापरवाही के कारण यात्रियों को काफी परेशानी होती है शौचालय परिसर में लगे चापवाकल की हालत जर्जर है.
सुधीर रजक
यह परिसर में अधिकारियों के लापरवाही के कारण उक्त बस स्टैण्ड परिसर में बुनियादी सुविधाओं का अभाव है शौचालय काफी जर्जर अवस्था में है इससे निकलने वाली बदबू के कारण इस्तेमाल तो दूर आसपास से गुजरना मुश्किल है.
जितेन्द्र सिंघानियां
स्टैण्ड परिसर में शौचालय का अभाव है. जिससे महिलाओं को काफी परेशानी होती है. दिन के उजाले में खुले में शौच के लिए जाना पड़ता है. आला अधिकारियों को ध्यान देने की आवश्यकता है.
सावित्री देवी
जर्जर शौचालय में गंदगी का अम्बार है आसपास के लोगों को रहना काफी मुश्किल हो गया है. इसके अलावा भी कई समस्याएं है अधिकारी इस पर ध्यान नहीं दे रहे हैं. जिससे यात्रियों को परेशानी होती है.
राजू कुमार
चाल लाख 70 हजार रूपये में स्टैण्ड की नीलामी हुई है. इस राशि से विभाग को चाहिए की यात्री सुविधा में वृद्धि करें. विवेक कुमार, विडीयो कहते हैं कि बस स्टैण्ड परिसर के जर्जर शौचालय व अन्य समस्याओं की जांच की जायेगी. इसके बाद उक्त जर्जर शौचालय क पुर्न निर्माण व अन्य समस्याओं के लिए कारगर कदम उठाये जायेंगे.
सुनील यादव , संवेदक

Next Article

Exit mobile version