(अरवल) : जिलाधिकारी आलोक रंजन घोस ने करपी प्रखंड एवं अंचल समेत मनरेगा व बाल विकास परियोजना कार्यक्रम का निरीक्षण किया. इन्होंने बताया कि करपी को मॉडल प्रखंड कार्यालय के रूप में विकसित किया जायेगा.
जिलाधिकारी ने प्रखंड कार्यालय परिसर स्थित सभी भवनों का भौतिक निरीक्षण करने के क्रम में बीडीओ एवं सीओ को फटकार लगाते हुए कई आवश्यक निर्देश भी दिये. अंचल कार्यालय के निरीक्षण में अभिलेखों के रखरखाव के तरीके पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए डीएम ने अंचलाधिकारी की क्लास ली. आरटीपीएस कार्यालय में भी काफी विसंगतियां पायी गयी. सभी लंबित मामलों को अति शीघ्र निष्पादित कर अद्यतन करने का निर्देश दिया गया.
प्रखंड विकास पदाधिकारी का रोकड़ पंजी जुलाई तक ही पूर्ण था इसे भी अद्यतन करने का निर्देश दिया गया. प्रखंड एवं अंचल कार्यालय में कार्यरत कर्मियों को जिला स्तर पर प्रशिक्षण शिविर लगाकर प्रशिक्षण देने का निर्देश दिया. अंचलाधिकारी के कार्यशैली से नाराज डीएम ने कहा कि इस अंचल में 27 लाख राजस्व वसूली का लक्ष्य था लेकिन अब तक मात्र तीन लाख रुपये लगान की वसूली ही हुई है.
इस क्षेत्र में स्थित सभी बेलगान वाली जमीन का एक सप्ताह में लगान तय करने व क्षेत्र में स्थित सभी बाजारों की बंदोबस्ती 15 दिनों में करने तथा 20 एकड़ सरकारी जमीन का पता एक सप्ताह के अंदर लगाने का निर्देश डीएम ने दिया. अंचल अधिकारी के पास लंबित जन शिकायतों के 153 मामलों एवं बीडीओ के लंबित 463 मामलों का निष्पादन 15 दिनों के अंदर करने के साथ-साथ सभी संचिकाओं को दुरुस्त करने का निर्देश दिया.
निरीक्षण में जिलाधिकारी के साथ डीडीसी विन्देश्वरी प्रसाद, प्रभारी पदाधिकारी अशोक कुमार गोपनीय प्रभारी अशोक कुुमार त्रिपाठी, आरटीपीएस प्रभारी राकेश कुमार के साथ सीडीपीओ शबाना काशफी , बीडीओ अखिलेश्वर कुमार,सीओ अरविंद कुमार समेत अन्य स्थानीय अधिकारी उपस्थित थे.