मां सती की महिमा अपरंपार

कुर्था (अरवल) : मां सती की महिमा अपरम्पार है तथा इस स्थान पर पहुंचने वाले भक्तों का सुखद आनंद की अनुभूती होती है उक्त बाते शुक्रवार को प्रखंड के सती नगरी लारी गांव में आस्मायी मां सती सोनामति की 128वी सतित्व तिथी पर आयोजित लारी महोत्सव के उद्घाटन के दौरान बिहार विधानसभा के प्रतिपक्ष के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 14, 2016 5:27 AM

कुर्था (अरवल) : मां सती की महिमा अपरम्पार है तथा इस स्थान पर पहुंचने वाले भक्तों का सुखद आनंद की अनुभूती होती है उक्त बाते शुक्रवार को प्रखंड के सती नगरी लारी गांव में आस्मायी मां सती सोनामति की 128वी सतित्व तिथी पर आयोजित लारी महोत्सव के उद्घाटन के दौरान बिहार विधानसभा के प्रतिपक्ष के नेता सह बिहार सरकार के पूर्व मंत्री डा. प्रेम कुमार ने कही.

साथ ही उन्होंने कहा कि आज ही के दिन 1886 इ वसंत पचंमी के एक दिन पूर्व माघ शुक्ल चौठ शुक्रवार को उक्त गांव में सोनामती नामक नारी अपनी मृत पति के साथ सति हुयी थी.
जबिक सन 1829 ई में लार्ड विलियम वेटिंग ने सती प्रथा पर रोक लगायी थी. बावजूद उसके परवाह न कर उक्त महिला सती हुयी थी वहीं रालोसपा प्रदेश अध्यक्ष सह जहानाबाद के सांसद डा. अरूण कुमार ने कहा कि जहानाबाद जिले के शकुराबाद थाना अंतर्गत नौहाड ग्राम के रामचरण सिंह की पुत्री सोना मति जिनकी शादी 16 वर्ष के उम्र में लारी ग्राम के वसंत सिंह के पुत्र नवाब सिंह के साथ कर दिया गया था. परंतु शादी के मात्र कुछ ही दिन बीते की उनके पति अतिसार जैसी गंभीर बीमारी से ग्रसित हुए तथा उनकी मौत हो गयी. तब मां सती ने अपने पति के शव को गोद में ले कर सती हो गयी थी.
ओर तब से उक्त गांव के ग्रामीणों द्वारा शमशान घाट पर ही जहां सती हुयी थी वहां मंदिर का निर्माण किया गया तथा लोग पूजा अर्चना करने लगे. वहीं लारी महोत्सव को लेकर कलाकारों द्वारा माता का जागरण, भजन, व लोक गीतों की प्रस्तुती की गयी वहीं मंच की अध्यक्षता प्रो. शिवपूजन शर्मा ने की. मौके पर डा. जितेन्द्र शर्मा, अंजनी कुमार, राजू अरबिन्द शर्मा समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित थे.

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