कार्रवाई.अरवल के एमवीआइ के खिलाफ निगरानी में की गयी थी शिकायत

घूस लेते एमवीआइ गिरफ्तार रिश्वत की रकम 44 हजार रुपये के साथ रंगे हाथ दबोचा निगरानी डीएसपी के नेतृत्व में हुआ ऑपरेशन अरवल : शनिवार की दोपहर पटना से आयी निगरानी की टीम ने परिवहन विभाग के दफ्तर से ही एमवीआइ विनोद कुमार सिंह को रिश्वत की रकम के साथ रंगे हाथ धर दबोचा. निगरानी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 13, 2016 12:25 AM

घूस लेते एमवीआइ गिरफ्तार

रिश्वत की रकम 44 हजार रुपये के साथ रंगे हाथ दबोचा
निगरानी डीएसपी के नेतृत्व में हुआ ऑपरेशन
अरवल : शनिवार की दोपहर पटना से आयी निगरानी की टीम ने परिवहन विभाग के दफ्तर से ही एमवीआइ विनोद कुमार सिंह को रिश्वत की रकम के साथ रंगे हाथ धर दबोचा. निगरानी डीएसपी मुन्ना प्रसाद के नेतृत्व में गठित टीम के सदस्यों ने दोपहर करीब 12 बज कर 15 मिनट पर एमवीआइ को ट्रैप किया. एमवीआइ भोजपुर जिले के साथ-साथ अरवल के अतिरिक्त प्रभार में कार्य कर रहे थे. शुक्रवार और शनिवार को अरवल आया-जाया करते थे.
वाहन मालिक आरा निवासी राजेश कुमार द्वारा उनके खिलाफ निगरानी में शिकायत दर्ज करायी गयी थी कि एमवीआइ द्वारा पकड़े गये ट्रैक्टर को छोड़ने के एवज में रिश्वत की मोटी रकम मांगी जा रही है. शिकायत के बाद टीम के लोगों द्वारा पड़ताल शुरू की गयी और 44 हजार रुपये रिश्वत की रकम के साथ इन्हें दबोचा गया. गिरफ्तारी के बाद निगरानी द्वारा डीएम और एसपी को इसकी सूचना दी गयी और प्रक्रिया के बाद निगरानी वाले एमवीआइ को अपने साथ पटना ले गये.
अरवल के डीएम आलोक रंजन घोष ने भी गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए कहा कि रिश्वत की रकम के साथ निगरानी वालों ने उन्हें पकड़ा है.
पत्नी ने कहा, साजिश के तहत पकड़ा गया
निगरानी के हत्थे चढ़े एमवीआइ की पत्नी शीला देवी ने दूरभाष पर बताया कि मेरे पति के साथ साजिश हुई है. कुछ दिनों से लगातार मेरे पति को धमकी भी दी जा रही थी कि अगर ओवरलोडिंग के खिलाफ आप कार्रवाई करते रहेंगे, तो हमलोग भी आपको नहीं छोड़ेंगे. फिलहाल जिस रकम के साथ उन्हें पकड़ा गया है वो पैसा सरकारी खजाने में जमा करने के लिए उन्हें दिया जा रहा था. आरा निवासी एक व्यक्ति की गाड़ी पकड़ी गयी थी जिसका चालान काटा गया था.
वही रकम देने वह अरवल आया था. जिस व्यक्ति की गाड़ी पकड़ी गयी है, वह अभी सहार थाने में जब्त कर लगायी गयी है. गाड़ी पकड़ने के बाद उसे नहीं छोड़े जाने पर सबक सिखाने की बात कही गयी थी. इसकी उच्चस्तरीय जांच के लिए कमिश्नर से मिल कर मैं न्याय की गुहार लगाऊंगी.

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