डॉक्टर के अभाव में मरीजों को जाना पड़ता है बाहर

अरवल के सरकारी अस्पतालों को डॉक्टरों की है जरूरत सदर अस्पताल में दवा की है घोर कमी इंडोर में 45 व ओपीडी में 15 प्रकार की उपलब्ध हैं दवाएं अरवल (ग्रामीण) : सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर की घोर कमी है. विशेष डाॅक्टर के अभाव में रोगियों को बेहतर इलाज के लिए बाहर जाना पड़ता है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 4, 2016 3:37 AM

अरवल के सरकारी अस्पतालों को डॉक्टरों की है जरूरत

सदर अस्पताल में दवा की है घोर कमी
इंडोर में 45 व ओपीडी में 15 प्रकार की उपलब्ध हैं दवाएं
अरवल (ग्रामीण) : सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर की घोर कमी है. विशेष डाॅक्टर के अभाव में रोगियों को बेहतर इलाज के लिए बाहर जाना पड़ता है. इस कारण रोगी के परिजन को आर्थिक और मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ता है.
स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक जिले में नियमित डॉक्टर के 81 पद स्वीकृत हैं, जिसके विरुद्ध महज 11 चिकित्सक पदस्थापित हैं. अनुबंध चिकित्सक के स्वीकृत 20 पद हैं. इसके विरुद्ध 16 पदस्थापित हैं, जबकि आयुष के स्वीकृत पद 129 के विरुद्ध 47 पदस्थापित हैं. सदर अस्पताल की हालत और खराब है. सदर अस्पताल में चिकित्सक के 30 पद स्वीकृत हैं. इसके विरुद्ध कुल 11 चिकित्सक पदस्थापित हैं. इनमें छह नियमित हैं. विशेषज्ञ के मामले में सदर अस्पताल में मेडिसिन एक, आंख एक तथा स्त्री रोग विशेषज्ञ एक हैं.
अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्रों पर एक-एक आयुर्वेद चिकित्सक : बताते चलें कि जिले की लगभग सात लाख की आबादी के लिए सदर अस्पताल एक, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पांच, अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र 28 तथा उपस्वास्थ्य केंद्र 65 हैं. अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्रों पर एक-एक आयुर्वेद चिकित्सक की तैनाती की गयी है, जबकि उपस्वास्थ्य केंद्र पर कल्याणकारी योजनाओं का संचालन एएनएम के सहारे कराया जाता है.
दूसरी ओर सदर अस्पताल में दवा की घोर कमी है. वर्तमान समय में इंडोर में 45 तथा ओपीडी में 15 प्रकार की दवाएं उपलब्ध हैं.
कहते हैं सीएस
जिले में चिकित्सकों की घोर कमी है. रिक्त पदों को भरने के लिए सरकार को लिखा गया है. जो व्यवस्था है उसी से काम लिया जा रहा है.
नंदेश्वर प्रसाद, सिविल सर्जन

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