अरवल, ग्रामीण : खरीफ महाअभियान-2016 प्रशिक्षण सह उत्पादन के तहत कृषि भवन सभागार कक्ष में किसानों को प्रशिक्षण दिया गया. प्रशिक्षण उद्घाटन जिला कृषि पदाधिकारी कृष्णानंद चक्रवर्ती ने किया. इस मौके पर उन्होंने किसानों से संबंधित सभी योजनाओं के संबंध में विस्तार से जानकारी दी एवं किसानों को योजना का लाभ उठाने को कहा.
प्रशिक्षण में कृषि विज्ञान केंद्र, लोदीपुर के वैज्ञानिक डाॅ. के पी सिंह एवं सीएन चौधरी ने कहा कि किसान अपनी खेती में रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग धीरे-धीरे कम कर दें, क्योंकि रासायनिक उर्वरक से खेतों की उर्बरा शक्ति का हास हो रहा है. किसान खेतों में जैविक खाद का प्रयोग करें, जिससे उर्बरा शक्ति और मजबूत होगी. इससे खेतों में ज्यादा दिन तक नमी बरकरार रहेगी. जैविक खाद के प्रयोग से फसल की सिंचाई कम करनी पड़ेगी.
प्रशिक्षण के दौरान कम खर्च में अधिक उत्पादन के लिए श्रीविधि एवं धान की सीधी बुआई पद्धति अपनाने को कहा. सीधी बुआई में उत्पादन में कोई फर्क नहींत्ड़डने की बात कही गयी. सीधी बुआई के पहले घास का अंकुरण न हो इसके लिए 15 दिनों पहले दवा का छिड़काव करने का सुझाव दिया गया. वैज्ञानिक ने कम दिन और कम सिंचाई वाले धान के प्रभेद तथा गहरे क्षेत्र वाले खेतों में धन की खेती करने के लिए कई प्रभेद की जानकारी दी गयी.
वैज्ञानिकों ने मोरी करने के पूर्व बीज उपचारित करने तथा बीच उपाचारित करने के तरीकों को जानकारी दी. प्रशिक्षण में बताया गया कि 25 लाख के कृषि यंत्र खरीद पर 10 लाख तथा 10 लाख के कृषि यंत्र की खरीद पर चार लाख अनुदान की राशि विभाग द्वारा किसानों को दिये जाने का प्रावधान है. इस मौके पर किसान भूषण रामजन्म सिंह ,सभी प्रखंडों के लगभग 70 किसान, सभी कृषि समन्वयक व सभी किसान सलाहकार उपस्थित थे.