जल विद्युत परियोजना का काम छह वर्षों से है बंद
अरवल : वलिदाद लख के समीप जल विद्युत परियोजना का भवन निर्माण कार्य 10 वर्षों में जमीन से ऊपर नहीं आ सका है. लगभग छह वर्षों से परियोजना का निर्माण कार्य पूर्ण रूप से बंद है. परियोजना निर्माण में लगनेवाला सामान यत्र-तत्र बिखरे पड़े हैं. वर्तमान समय में भवन निर्माण की एजेंसी का कोई भी […]
अरवल : वलिदाद लख के समीप जल विद्युत परियोजना का भवन निर्माण कार्य 10 वर्षों में जमीन से ऊपर नहीं आ सका है. लगभग छह वर्षों से परियोजना का निर्माण कार्य पूर्ण रूप से बंद है. परियोजना निर्माण में लगनेवाला सामान यत्र-तत्र बिखरे पड़े हैं. वर्तमान समय में भवन निर्माण की एजेंसी का कोई भी कर्मी स्थल पर उपस्थित नहीं है. बताते चलें कि 2006 में 750 किलोवाट बिजली उत्पादन के लक्ष्य से भवन निर्माण का कार्य लगभग आठ करोड़ की लागत से शुरू किया गया था.
योजना का कार्य 2009 में पूरा करना था, लेकिन 10 वर्ष बीत जाने के बाद भी भवन निर्माण का कार्य खोदे गये गड्ढे से ऊपर नहीं आ सका है. योजना के संबंध में जानकारी देने के लिए स्थल पर कोई उपलब्ध नहीं है. हालांकि इस संबंध में उपस्थित इलाके के लोगों ने बताया कि भवन निर्माण के लिए गड्ढे से पानी कभी सूखा नहीं है. पानी निकालने के लिए कई महीने तक फिटर मशीन कार्य एजेंसी ने चलाया, लेकिन गड्ढे में जल स्तर यथावत रहा.
ग्रामीणों ने बताया कि अब तक तीन ठेकेदार काम छोड़ कर भाग चुके हैं. ग्रामीणों ने बताया कि लख से सटे लगभग 35 फुट गड्ढे की खुदाई करने से घोवी विगहा जानेवाले मोड़ पर वाहनों के पलटने की आशंका बनी रहती है. पशुओं को भी गड्ढे में गिरने का भय बना रहता है. गड्ढे में केवल छड़ है. पूर्व विधायक वाणेश्वर सिंह, भाजपा नेता पीयूष कुमार का कहना है कि इस परियोजना के पूरा होने से 750 किलोवाट बिजली का उत्पादन होता जिससे जिले को काफी सहूलियत मिलती. इस संबंध में डीएम आलोक रंजन घोष ने बताया कि उक्त स्थल का प्रत्यय अमृत ने निरीक्षण किया है और उन्होंने संबंधित विभाग के पदाधिकारी को आवश्यक निर्देश भी दिया है.