गो-पुरम धाम सज-धज कर तैयार, जन्म उत्सव आज

हुलासगंज : जिले के हुलासगंज स्थित विख्यात लक्ष्मी नारायण मंदिर कृष्ण जन्म अष्टमी के शुभ अवसर पर सज-धज कर तैयार है. भगवान कृष्ण के जन्म उत्सव को लेकर मंदिर को आकर्षक ढंग से सजाया गया है. मंदिर में लगी रंग-बिरंगी लाइट मार्ग से गुजरनेवाले राहगीर को अपनी ओर खींच रही है. हर वर्ष की भांति […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 26, 2016 2:11 AM

हुलासगंज : जिले के हुलासगंज स्थित विख्यात लक्ष्मी नारायण मंदिर कृष्ण जन्म अष्टमी के शुभ अवसर पर सज-धज कर तैयार है. भगवान कृष्ण के जन्म उत्सव को लेकर मंदिर को आकर्षक ढंग से सजाया गया है. मंदिर में लगी रंग-बिरंगी लाइट मार्ग से गुजरनेवाले राहगीर को अपनी ओर खींच रही है. हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी ठाकुरबाड़ी स्थित गो पुरम धाम में शुक्रवार को जन्म उत्सव की तैयारी जोरों पर है.

कृष्ण जन्माष्टमी समारोह को सफल बनाने के लिए आसपास के ग्रामीणों में काफी उत्साह दिख रहा है. गुरुवार को मंदिर परिसर में चौबीस घंटे का अखंड कीर्तन शुरू कर दिया गया है. हरे राम, हरे कृष्ण का अखंड कीर्तन से पूरा परिसर भक्तिमय दिख रहा है. जन्म उत्सव में शामिल होने के लिए आस पास के ग्रामीण सहित जिला के अलावा विभिन्न जगहों से लोगों ने तैयारी शुरू कर दी है. बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए ठहरने की उत्तम व्यवस्था की गयी है. वहीं, भक्तों के लिए नाश्ता एवं भोजन का प्रबंध मंदिर परिसर में कराया गया है.
गुरुवार को लक्ष्मी नारायण मंदिर के मठाधीश स्वामी रंग रामानुजाचार्य ने अपने प्रवचन के दौरान कहा कि जन्म अष्टमी का व्रत करने से मानव का अंत:करण निर्मल होता है. प्रवचन के दौरान प्रणाम का तात्पर्य बताते हुए कहा कि मनुष्य को प्रणाम करने से बल, आयु, विद्या एवं यश चार फल की प्राप्ति होती है. एक हाथ से प्रणाम करने पर मनुष्य की आयु कम होती है. हर व्यक्ति को दायें हाथ से दायां पैर एवं बायें हाथ से बायें पैर छू कर ही प्रणाम करना चाहिए. ऐसा करने से मनुष्य को चारों फलों की प्राप्ति होती है. प्रवचन में उन्होंने कहा कि भगवान को वैर, भय, प्रेम, स्नेह एवं भक्ति पांच प्रकार के माध्यम से भगवान की प्राप्ति होती है. प्रवचन में आसपास के हजारों लोग उपस्थित थे.
जन्माष्टमी व्रत रखने से मनुष्य का अंत:करण होता है निर्मल : स्वामी रंग रामानुजाचार्य
स्नेह व भक्ति से होती है भगवान की प्राप्ति

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