कलेर अरवल : प्रखंड क्षेत्र के सोहसा गांव में चतुर्मासा यज्ञ को लेकर भक्ति का माहौल कायम है. यज्ञ के दौरान स्वामी रंगनाथाचार्य जी महाराज द्वारा अपने मुखारविंद से भक्तों को अनुग्रहित किया जा रहा है. सोमवार की संध्या अपने प्रवचन के दौरान स्वामी जी ने कहा कि लोभ पाप का कारण है.
लोभ सभी अनर्थो का जड़ है. व्यक्ति जब किसी चीज को देखता है तब उसे प्राप्त करना चाहता है जबकि उसमें योग्यता नही होती है. अयोग्य होने के बावजुद व्यभिचार पूर्वक उसे प्राप्त करने का प्रयास करता है अगर वह प्राप्त करने में असमर्थ होता है तो उसे क्रोध होता है और लोभ के कारण ही व्यक्ति को असक्ति हो जाती है. जिससे वह विनास को प्रापत करता है. स्वामी जी ने बताया कि जैसे रावण ने सीता जी के स्वरूप का वर्णन सुर्पनखा के द्वारा सुना और उसे चाहत हो गयी कि मैं सीता को प्राप्त करूं. उसके लिए रावण ने अनाधिकार चेष्टा की और सीता जी को प्राप्त भी कर लिया.
जिसका परिणाम यह हुआ कि रावण के आमुल पूल का सर्वनाश हो गया. अत: सभी पापों का जड़ लोभ है. कल्याण चाहने वाले लोगों को लोभ नही करना चाहिए. स्वामी जी के प्रवचन का सुनने के लिए काफी संख्या में श्रोता उपलब्ध थे. चतुर्मासा यज्ञ के दौरान 02 सितम्बर से उतरार्थियों के लिए श्री हरिवंश कथा प्रारंभ होगी.