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आज भी नहीं बदला जिला मुख्यालय का स्वरूप

एनएच बना वाहन पार्किंग स्थल, लोगों को हो रही परेशानी अरवल : अरवल को जिला बने लगभग एक दशक से अधिक समय गुजर गया लेकिन आज भी जिला मुख्यालय का स्वरूप ग्रामीण इलाकों जैसा ही है. ऐसे तो जिला मुख्यालय जैसे दिखने में कई समस्या बाधक बनी है लेकिन सबसे बड़ी समस्या वाहन पार्किंग की […]

एनएच बना वाहन पार्किंग स्थल, लोगों को हो रही परेशानी
अरवल : अरवल को जिला बने लगभग एक दशक से अधिक समय गुजर गया लेकिन आज भी जिला मुख्यालय का स्वरूप ग्रामीण इलाकों जैसा ही है. ऐसे तो जिला मुख्यालय जैसे दिखने में कई समस्या बाधक बनी है लेकिन सबसे बड़ी समस्या वाहन पार्किंग की है. आज भी वाहन पार्किंग स्थल एनएच 110 या एनएच 98 है, जहां दो पहिया वाहनचालकों द्वारा कार्य अवधि में सड़क किनारे ही खड़ा किया जाता है.
आखिर इसके लिए जिम्मेवार कौन है जिला प्रशासन या वाहनचालक. इस संबंध में वाहनचालकों द्वारा कहना है कि जिला मुख्यालय स्थित समाहरणालय स्थल को छोड़ कर कहीं भी शहर में वाहन पार्किंग का निर्माण नहीं किया गया है. इसके कारण हमलोग वाहन को सड़क के आसपास खड़ा करने को विवश हैं.
इस सबंध में पूछे जाने पर विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पार्किंग के लिए मुख्यालय में जमीन उपलब्ध नहीं हो पा रहा है, जिसके कारण पार्किंग का निर्माण नहीं हो सका है. इसमें जिम्मेदारी चाहे जिसकी हो लेकिन परेशानी तो आम जनता को ही उठानी पड़ रही है. विदित हो कि मुख्यालय में अवैध रूप से वाहन पार्किंग से सड़क पर चलनेवाले राहगीरों को काफी परेशानी होती है. जिसे लेकर कभी- कभी वाहनचालकों व राहगीरों के बीच नोक- झोंक भी आये दिन होती रहती है. उक्त समस्या से सबसे ज्यादा कठिनाई शहर के दुकानदार खासकर फुटपाथी दुकानदारों को होती है.
ऐसे तो पार्किंग की समस्या शहर में कई जगहों पर देखी जाती है लेकिन खासकर स्टेट बैंक, केनरा बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, सेंट्रल बैंक एवं सब्जी बाजार के समीप ज्यादा होता है. इसके लिए जिला पदाधिकारी आलोक रंजन घोष को पहल करने की जरूरत है ताकि जिला मुख्यालय का स्वरूप को बदला जा सके और लोगों को इस समस्या से निजात मिल सके.

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