करपी(अरवल) : सेनारी जनसंहार में 15 नामजद सहित 88 लोगों के विरुद्ध आरोप पत्र दाखिल किया गया था. अनुसंधान पूरा होने तक चार आइओ बदले गये. न्यायालय में एक अनुसंधानकर्ता विशंभर सिंह की ही गवाही हो सकी.
तीन अन्य अनुसंधानकर्ताओं जमुना सिंह, केके सिंह और आलोक कुमार का निधन हो गया. इस नरसंहार के मामले में 66 गवाहों की सूची अदालत को दी गयी थी. लेकिन, उसमें 31 गवाह ही कोर्ट में पेश हुए थे. न्यायालय द्वारा 15 मई, 2002 को 45 आरोपितों के विरुद्ध आरोप गठित किया गया था, जिनमें दो की मौत हो गयी थी और पांच फरार हैं.