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मशरूम की पांच हजार किट वितरण का लक्ष्य

मशरूम के उत्पादन में कम खर्च और अधिक मुनाफा होता है किसानों को प्रति किट एक सौ रुपये कीमत अदा करनी होगी मशरूम के फसल चक्र 45 से 80 दिन का होता है कुर्था, अरवल : बिहार में जलवायु विभिन्न प्रजातियों में आयस्टर मशरूम में उत्पादन के लिए सर्वाधिक उपयुक्त एवं लाभप्रद है इसका उत्पादन […]

मशरूम के उत्पादन में कम खर्च और अधिक मुनाफा होता है

किसानों को प्रति किट एक सौ रुपये कीमत अदा करनी होगी
मशरूम के फसल चक्र 45 से 80 दिन का होता है
कुर्था, अरवल : बिहार में जलवायु विभिन्न प्रजातियों में आयस्टर मशरूम में उत्पादन के लिए सर्वाधिक उपयुक्त एवं लाभप्रद है इसका उत्पादन मुख्य फसल की खेती के पश्चात प्राप्त अवशेष का प्रयोग के द्वारा किया जाता है इसके अलावा पर्यावरण प्रदूषण को कम करने में भी सहायक होता है अरवल जिला उद्यान कार्यालय के द्वारा राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजना के तत्वावधान में वर्ष 2016-17 में मशरूम की पांच हजार किट वितरण करने का लक्ष्य है इसके लिए किसानों को प्रति किट एक सौ रुपये कीमत अदा करनी होगी. मशरूम के उपज करने के लिए ठंडा जलवायु की आवश्यकता होती है
अगर गरमी के मौसम में उपज करने के लिए एसी लगाना होगा. जिला उद्यान पदाधिकारी एम ए वाजिद ने बताया की उपरोक्त किट वितरण का लक्ष्य जिले में पांच हजार की है. मशरूम में पर्याप्त पौष्टिक तत्व नमी 89 से 91 प्रतिशत, खनिज लवण 0.97 से 1.26 प्रतिशत, प्रोटीन 2.78 से 3.94 प्रतिशत, वसा 0.25 से 0.65 प्रतिशत, रेशा 0.09 से 1.67 प्रतिशत, कार्बोहाइट्रेट 5.3 से 6.28 प्रतिशत व ऊर्जा 24.4 से 34.4 शामिल है.
उत्पादन करने का तकनीक मशरूम स्पान एक किलोग्राम भूसा या पुआल 10 किलोग्राम या कुटी फार्मोलिन 125 मिली वावस्टिन पाउडर 10ग्राम पाॅलीथिन 18 से 24 सेमी से तैयार किया जाता है. आयस्टर मशरूम की पांच प्रजातियां होती हैं फ्लूरोटस सजर काजू फ्लूरोटस फ्लोरिडा फ्लूरोटस, आइसटरइएटस, फ्लूरोटस, सटिरोनोपलिएट उक्त मशरूम के फसल चक्र 45 से 80 दिन का होता है. मसरूम के भंडारण विधि आयस्टर मशरूम को तोड़ने के बाद लगभग दो घंटे साफ जगह पर रखें, ताकि नमी खत्म हो जाय.
तत्पश्चात पॉलीथिन में पैक कर दे छीटदार पॉलीथिन में इन्हें 4-5 दिनों तक रेफ्रिजरेटर में भंडारित किया जाता है लाभुकों को अनुदान भी मिलती है लाभुक अगर जिला उद्यान कार्यालय से एक सौ रुपये प्रति किट खरीदकर मशरूम उपज करते है तत्पश्चात मशरूम उपज हो जाती है तो लाभुक को आवेदन के साथ फोटो कार्यालय को जमा करना होगा. उक्त आवेदन पर जिला उद्यान कार्यालय पदाधिकारी द्वारा जांच करने के पश्चात 50 रुपये प्रति किट की दर से लाभुकों को बैंक खाता में अनुदान राशि भेजने का प्रावधान है.

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