बिहार में जब तक नीतीश कुमार, तब तक मुसलमान सुरक्षित, ललन सिंह ने दिया अल्पसंख्यकों को भरोसा
विधानसभा चुनाव में जदयू ने बड़े पैमाने पर अल्पसंख्यकों का विश्वास खो दिया था, जिसके कारण उनकी कई सीटों पर हार हुई. जदयू के नये राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने उपचुनाव के मद्देनजर एक बार फिर अल्पसंख्यक के बीच विश्वास बहाली का प्रयास शुरू कर दिया है.
पटना. विधानसभा चुनाव में जदयू ने बड़े पैमाने पर अल्पसंख्यकों का विश्वास खो दिया था, जिसके कारण उनकी कई सीटों पर हार हुई. जदयू के नये राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने उपचुनाव के मद्देनजर एक बार फिर अल्पसंख्यक के बीच विश्वास बहाली का प्रयास शुरू कर दिया है.
जदयू अध्यक्ष ने चुनाव से ठीक पहले अल्पसंख्यक नेता सलीम परवेज को पार्टी में शामिल कर नीतीश कुमार की तरफ से अल्पसंख्यकों के लिए किए गये कामों की चर्चा शुरू कर दी है. रविवार को मीडिया से बात करते हुए ललन सिंह ने साफ शब्दों में कह दिया है कि बिहार में नीतीश के रहते मुसलमानों को कोई आंख नहीं दिखा सकता है.
ललन सिंह ने कहा कि बिहार में जबतक नीतीश कुमार हैं. तब तक मुसलमान सुरक्षित हैं. अल्पसंख्यकों को चिंता करने की जरूरत नहीं है. नीतीश कुमार ही हैं, जो बिहार को बचा सकते हैं. बिहार के अल्संख्यकों के हित की रक्षा कर सकते हैं.
ललन सिंह ने कहा कि “जबतक बिहार में नीतीश कुमार है. तबतक अल्पसंख्यक समुदाय की तरफ कोई भी आंख उठाकर नहीं देख सकता. मुसलमानों के हित की तरफ, उसके स्वाभिमान के तरफ कोई आंख उठा के नहीं देख सकता. जब अल्पसंख्यक समुदाय का कोई पर्व त्यौहार होता है. ईद हो, बकरीद हो या मुहर्रम हो.
सारा काम छोड़कर नीतीश कुमार टेलीफोन के पास बैठ जाते हैं और देखते हैं कि बिहार के किसी भी कोने में अल्पसंख्यक समुदाय के साथ गलत तो नहीं हो रहा है. राजनेताओं और दलों को यह बात समझना चाहिए कि नीतीश कुमार की लोकप्रियता यूं ही नहीं बढ़ी है.
राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा है कि बिहार में अल्पसंख्यकों के लिए आजादी के बाद जितना काम हुआ, उसमें सबसे ज्यादा योगदान नीतीश कुमार का है. जदयू अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा है कि नीतीश कुमार ने बिहार में अल्पसंख्यकों के लिए जो काम किया है. वैसा काम किसी भी पूर्व मुख्यमंत्री ने नहीं किया.
जदयू अध्यक्ष ने कहा कि जो लोग अल्पसंख्यकों का वोट लेते रहे, वह उन्हें विकास की मुख्यधारा में जोड़ने का काम नहीं कर सके. मुसलमानों की प्रगति के लिए यह जरूरी था कि उनके अंदर शिक्षा का स्तर बेहतर किया जाये. नीतीश कुमार ने इस दिशा में सबसे ज्यादा काम किया.
इतना ही नहीं जदयू अध्यक्ष ने यह भी कहा कि बिहार में मदरसों की स्थिति खस्ताहाल थी. मदरसा शिक्षकों को समय पर वेतन नहीं मिलता था. लेकिन आज वक्त बदल चुका है. ललन सिंह ने कहा कि न्याय के साथ विकास का नारा है. नीतीश कुमार ने दिया था और इसे सही तरीके से जमीन पर उतारा भी गया.
Posted by Ashish Jha